लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि दिव्यांगों में इच्छाशक्ति निर्माण करने की जरूरत है। दिव्यांगजनों का सहयोग करके उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जा सकता है। राज्यपाज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 122वीं जयन्ती पर संस्था कल्याणं करोति लखनऊ द्वारा गांधी भवन में दिव्यांगजनों के सहायतार्थ सहायक उपकरण वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में राज्यपाल ने दिव्यांगों को ट्राईसाईकिल, बैशाखी तथा महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित किए। कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर राज्यपाल नाईक ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों में कुछ विशेषताएं होती हैं, इस भूमिका में उन्हें साथ लाने की आवश्यकता है। श्री नाईक ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का स्मरण करते हुए कहा कि राजनीति के सिद्धान्त के अन्तर्गत ‘शत्रु का शत्रु अपना दोस्त’ की दृष्टि से उन्होंने जर्मनी, जापान व अन्य देशों से संबंध सुधार कर सेना का गठन किया। उन्होंने कहा कि नेताजी का संघर्ष नमन के योग्य है।
राज्यपाल ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिये शब्दों से नहीं अपने कर्म से आगे आने की जरूरत है। देश को स्वतंत्र कराने में जिन लोगों ने त्याग और बलिदान दिया है उनका चित्र समाज के सामने लाना आवश्यक है।
उन्होंने 24 जनवरी को आयोजित होने वाले ‘उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस’ को प्रदेश के इतिहास में नया अध्याय बताते हुए उस पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ0 वीवी प्रताप अध्यक्ष कल्याणं करोति लखनऊ, मथुरा के आचार्य बलरामदास देवाचार्य सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।


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