लखनऊ। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से राजकीय, निजी और अनुदानित पॉलीटेक्निक में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन रविवार को दो पालियों में हुआ। राजधानी लखनऊ में 22 केंद्रों पर परीक्षा हुई। परीक्षा के लिए 10 हजार 724 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। दूसरी पाली में 14 परीक्षा केंद्र थे। इन पर 6,729 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। क्वींस इंटर कॉलेज, राजकीय पॉलीटेक्निक, ब्वॉयज एंग्लो बंगाली, इस्लामिया इंटर कॉलेज आदि को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। हेल्पलाइन नंबर- 0522-2630695, 0522-2630106 भी जारी किया गया था।
परीक्षा के दौरान मोबाइल फोन तथा पर्स आदि ले जाने पर भी रोक लगाई गई थी। प्रवेश परीक्षा में धांधली की आशंका को कम करने के लिए इस बार ओएमआर की एक कॉपी परीक्षा केंद्र पर भी सुरक्षित रखी गई है। पूरे प्रदेश में परीक्षा के लिए कुल 931 परीक्षा केंद्र बनाये गये थे। इन पर चार लाख 36 हजार 715 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। पहली पाली सुबह 9 बजे से 12 बजे तथा दूसरी पाली दोपहर 2:30 बजे से शम 5:30 बजे के बीच हुई।
पॉलीटेक्निक की प्रवेश परीक्षा में इस बारं दो कॉर्बन पेपर लगा हुआ ओएमआर दिया गया। परीक्षा के बाद एक कॉपी विद्यार्थी को उसके रिकॉर्ड के लिए, एक कॉपी परीक्षा केंद्र तथा एक कॉपी परिषद के पास सुरक्षित रखी गई है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद सचिव एसके वैश्य ने बताया कि परीक्षा के लिए 75 जिलों में 75 जिला संयोजक और 190 जोनल अधिकारी बनाये गए थे। प्रथम पाली में 3,37,474 परीक्षार्थी और दूसरी पाली में 1,03,241 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। पिछले साल दाखिले के लिए ग्रुप ए में 1,23,217 सीट और फॉर्मेसी में 14,450 सीट थीं। इस साल प्रदेश भर में करीब 300 नये फॉर्मेसी संस्थान खुलने से प्रवेश क्षमता करीब 33 हजार हो गई है।
परीक्षा केंद्र पर सही कर सके आवेदन फॉर्म की गलती
जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन फॉर्म भरने में नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, वर्ग, लिंग जैसी गलती की थी उन्हें इसका सुधार करने का मौका मिला। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर इसके लिए एक शीट दी गई थी। उन्होंने इस पर सही विवरण अंकित करके हस्ताक्षर किये। पॉलीटेक्निक के आवेदन फॉर्म में जो अभ्यर्थी गरीब सवर्ण कोटे का लाभ लेने के लिए अपना विवरण भरने से भूल गये, उन्हें एक मौका और मिलेगा। गरीब सवर्ण अभ्यर्थी आरक्षण वर्ग में बदलाव करके इसके पात्र बन जाएंगे। लेकिन इसके लिए उन्हें काउंसलिंग शुरू होने से पहला अपना प्रमाणपत्र सक्षम अधिकारी से बनावाना होगा। गरीब सवर्ण का प्रमाणपत्र तहसीलदार द्वारा निर्धारित शर्तें पूरी करने पर जारी किया जाता है।
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