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Monday 2 April 2018

हरदोई-ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा लक्ष्य पूर्ति का दबाव,दर्द सचिवों का छलका

हजारों वर्ष की परंपरा को 450 दिन में तोड़ना चुनौतीपूर्ण कार्य
अधिकारियों द्वारा उत्पीड़नात्मक दबाव पूर्ण कार्य से सचिवों में कुंठा व्याप्त
हरदोई- शासन स्तर से प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय निर्माण की लक्ष्य पूर्ति हेतु अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी पर दबाव डालने से कुंठित हैं और आज उनका दर्द छलक पड़ा। ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति, उत्तर प्रदेश, शाखा हरदोई के बैनर तले जिलाधिकारी को सौंपे गये ज्ञापन में शासन की लक्ष्य पूर्ति के दबाव को इंगित करता है। जिलाधिकारी को ग्राम पंचायत अधिकारी ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति उत्तर प्रदेश शाखा हरदोई ने दिए गए प्रार्थना पत्र में शौचालय व आवास लक्ष्य की पूर्ति हेतु अधिकारियों द्वारा डाले जा रहे दबाव और होने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया है कि शौचालय व आवास के लाभार्थी गरीब, रीति रिवाज को मानने वाले, व परंपरा वादी हैं उनमें व्यवहार परिवर्तन धीमी गति से आ रहा है। 4500 वर्षों की परंपरा 450 दिन में नहीं प्राप्त किया जा सकता है। कुछ ग्राम पंचायतों में सचिव और प्रधान द्वारा अपनी साख पर सामग्री आपूर्ति कर शौचालय निर्माण कराने का प्रयास किया जा रहा है परंतु लाभार्थी द्वारा फर्मों को भुगतान न कर धनराशि को स्वयं के हित में प्रयोग कर लिया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन में सीएलटीएस चैंपियंस ब्लॉक से लेकर जिले तक प्रेरक, जनपद स्तर पर समन्वयक जिन्हें शौचालय बनवाने हेतु नियुक्त किया गया है वह आज सचिव ग्राम पंचायत की समीक्षा कर रहे हैं। सारी टीम समीक्षा व रिपोर्टिंग एजेंसी बन गई है। सचिवों ने कहा कि इतनी धनराशि खर्च करने से क्या फायदा, जब उत्पीड़न एवं धमकी द्वारा कार्य सचिव से ही कराया जा रहा है। उन्होंने कहा, समय बद्ध बेहतर परिणाम के लिए निरोधात्मक उपाय भी कारगर हो सकते हैं। जैसे शौचालय ना होने पर डीएल, जमीन रजिस्ट्री, राशन कार्ड, मतदान से वंचित, सब्सिडी योजना से बाहर एवं सार्वजनिक गंदगी करने पर जुर्माना आदि लगाने का प्रचार-प्रसार कर प्रगति पाई जा सकती है ।यही नहीं, शासन द्वारा शौचालय निर्माण हेतु ₹12000, आवास योजना हेतु एक लाख 20 हजार रुपए निर्धारित है बालू मोरंग आदि कुछ महीनों तक ना मिलने के कारण यह राशि वास्तविक लागत से बहुत कम है। एक पंचायत में राजमिस्त्री इतनी संख्या में मिल पाना भी मुश्किल है। ओडीएफ और पीएम एवाई निर्माण योजना में सचिव का दायित्व मोटिवेशन है उनका सुझाव है कि उच्चाधिकारी मोटिवेशन का कार्यक्रम 30 दिन में समस्त शौचालय निर्माण कराकर पूर्ण करा दे तो उन से प्रेरणा लेकर सभी सचिव कार्य को 27 दिन में कराने का प्रण ले लेंगे। बहर हाल अधिकारियों द्वारा लक्ष्य पूर्ति के दिशा में असमय मीटिंग व्यक्तिगत लाभार्थी योजनाओं में प्रयोग की समीक्षा ना कर निर्माण कार्य की समीक्षा करने ,ओ डी एफ आवास निर्माण में उच्चस्तर के अधिकारियों द्वारा उत्पीड़नात्मक व दबाव पूर्ण व्यवहार करने के कारण पंचायत सचिवों में कुंठा ,निराशा, अवसाद व भय व्याप्त है ।जिससे सचिवों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। कई साथी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। संगठन ने शासन को चेताया यदि यह उत्पीड़नात्मक कार्यवाही बंद न की गई तो संगठन सख्त निर्णय लेने को बाध्य होगा ,जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। दिए गए ज्ञापन में कार्यकारी अध्यक्ष कृष्ण गोविंद मिश्रा, मंत्री राजवीर सिंह, जिला मंत्री राजकिशोर, उपाध्यक्ष आनंद सिंह, कोषाध्यक्ष ज्ञानेंद्र कुमार ,संयुक्त मंत्री शिवम त्रिपाठी ,सदस्य आकाश वर्मा, उपाध्यक्ष दिनेश गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विमलेश गुप्ता, प्रधान प्रतिनिधि रमेश वर्मा आदि लोग मौजूद रहे।

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