लखनऊ। राजधानी लखनऊ के पीजीआई इलाके में बरौना गांव के पास पिछली 15 सितंबर दिन शुक्रवार को देर शाम यूको बैंक से निकले उसके कैशियर राहुल कुमार सिंह (42) की गोली मार कर हत्या भाड़े के शूटरों ने गोली मारकर कर दी थी। वारदात के बाद बाइक सवार बदमाश फरार हो गए थे। घटना की सूचना के कुछ देर बाद एसएसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। एसएसपी के निर्देशन में पुलिस ने नामजद अभियोग पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिये बदमाशों की तलाश करते हुए सफलता हासिल की है। काफी मेहनत करने के बाद पुलिस ने कैशियर हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया है। पुलिस पकड़े गए अभियुक्तों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई कर रही है।
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि पीजीआई स्थित वृंदावन योजना के सेक्टर 9-सी में राहुल कुमार सिंह (42) रहते थे। वह एयरफोर्स रिटायर्ट हुए थे। इसके बाद उन्हें यूकों बैंक में नौकरी मिल गई थी। वह यूको बैंक की गोसाईंगंज शाखा मे कैशियर के पद पर कार्यरत थे। रोज की तरह वह बैंक से शुक्रवार शाम को अपनी बाइक से घर के लिए निकले थे। बरौना गांव के पास नहर की पटरी के किनारे पीछे से राहुल को किसी ने गोली गोली मार दी। गोली लगते ही वह सड़क बाइक समेत गिर गए। लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। घटना की जानकारी होने के 30 मिनट बाद गोसाईंगंज पुलिस मौके पर पहुंची। वहीं, पीजीआई पुलिस करीब एक घंटे बाद मौके पर पहुंची। गोसाईंगंज थाने पर तैनात पीआरवी सबसे पहले मौके पर पहुंची थी। पुलिस न शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया था।
एसएसपी ने इलाके के लोगों से पूछताछ के निर्देश दिए थे। उन्होंने सर्विलांस टीम से घटना के समय इलाके में प्रयोग होने वाले सभी मोबाइल नंबरों को रेकॉर्ड निकालने के लिए कहा था। पुलिस को मौके से राहुल का बैग मिला था। बैग में बैंक की चाभियां व अन्य सामान मिला था। राहुल का एक मोबाइल भी पुलिस को मिल गया था जबकि एक मोबाइल गायब था। राहुल के भाई रोहित के मुताबिक, उनका परिवार उन्नाव के निहाल खेड़ा मजरे धनकोटी का रहने वाला है। उनके पिता रायबरेली के रतापुर में रहते हैं। रोहित ने बताया कि उनके परिवार की गांव के ही पड़ोसी तेज बहादुर सिंह और उसके तीन बेटे लोकेंद्र, मानवेंद्र व पप्पू तथा शिवशंकर वर्मा से पुरानी रंजिश चली आ रही है। इसके चलते उन्होंने नामजद केस दर्ज करवाया। आरोप ये भी है कि आरोपितों ने उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। यही नहीं आरोपित पक्ष सामूहिक दुष्कर्म की फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराकर उन्हें जेल भेजने की धमकी भी देते रहते हैं। फिलहाल पुलिस ने इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाकर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
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