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Tuesday 25 September 2018

अभूतपूर्व आयुष्मान अभियान

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

विकसित देशों में स्वास्थ् सेवाओं को बहुत महत्व दिया जाता है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाती। इस आधार पर वहां सरकारें बदल जाती है। यह सही है कि गरीब, पिछड़े या विकासशील देशों की तुलना उनसे नहीं हो सकती। लेकिन भारत ने आयुष्मान योजना के माध्यम एक ऊंची छलांग लगाई है। तेईस सितंबर को इसे देश के साढ़े चार सौ गांवों में एक साथ लागू किया गया।

प्रधानमंत्री ने इस अभूतपूर्व योजना का ऐलान कुछ समय पहले किया था। तेईस सितंबर को साकार हो गई। प्रधानमंत्री ने दो जनजातीय प्रदेशों से इसकी शुरुआत की। इस रूप में भी मोदी ने बड़ा सन्देश दिया है। समाज का जो वर्ग अब तक स्वास्थ सेवा से वंचित रहा है, वह भी आयुष्मान से लाभान्वित होगा। देश के पचास करोड़ से ज्यादा लोवों को पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ बीमा देने वाली ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। पूरी दुनिया में सरकारी पैसे से इतनी बड़ी योजना किसी और देश में नहीं चल रही है। इस योजना के लाभार्थियों की संख्या पूरे यूरोपियन यूनियन की कुल आबादी के बराबर है। अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको, इन तीनों देशों की आबादी से ज्यादा है।

नरेंद्र मोदी ने झारखंड, छत्तीसगढ़ में आयुष्मान का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि देश के पचास करोड़ से ज्यादा भाई-बहनों को पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ बीमा देने वाली ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। पूरी दुनिया में सरकारी पैसे से इतनी बड़ी योजना किसी और देश में नहीं चल रही है। इस योजना के लाभार्थियों की संख्या पूरे यूरोपियन यूनियन की कुल आबादी के बराबर है। पूरी दुनिया में सरकारी रुपये से इतनी बड़ी योजना किसी भी देश में नहीं चल रही है। मोदी ने कभी बहुत चर्चित हुए गरीबी हटाओ के नारे का उल्लेख किया। नारा दिया गया, लेकिन गरीबों को राहत देने वाले निर्णयों पर समुचित ध्यान नहीं दिया गया। यही कारण है कि गरीबों के जीवन स्तर में सुधार नहीं हुआ। बीमारी का इलाज तक मुश्किल था। आयुष्मान योजना इस स्थिति को बदल देगी।

लाख स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे। इस योजना पर अगले दो साल में साढ़े दस हजार करोड़ रूपये खर्च अनुमानित है जिसमें साठफीसदी केंद्र और चालीस फीसदी खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी। योजना के तहत किस तरह के परिवारों को फायदा होगा, इसका फैसला आर्थिक आधार पर किया जाएगा। इस के तहत दस करोड़ चैहत्तर लाख परिवार लाभार्थी होंगे। लाभार्थी परिवार पैनल में शामिल सरकारी या निजी अस्पताल में प्रति साल पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज करा सकेंगे। इस स्कीम की शुरुआत के साथ ही देश के दस हजार सरकारी और निजी अस्पतालों में गरीबों के लिए दो लाख पैसठ लाख बेड की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ने दस वेलनेस केंद्र का भी शुभारंभ किया है। इसपर उन्होंने कहा कि अब झारखंड में करीब चालीस ऐसे सेंटर्स काम कर रहे हैं और देशभर में इनकी संख्या तेईस सौ तक पहुंच चुकी है। उत्तर प्रदेश में एक करोड़ अठारह लाख परिवारों को फिलहाल यह सुविधा मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर मेडिकल काॅलेज में आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना का शुभारंभ किया। योगी ने कहा कि इस योजना के शुरू होने से इलाज करने के लिए गरीब को घर, जमीन और जेवर गिरवी नहीं रखना पड़ेगा। अब इलाज के लिये गरीब को किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। लोग गोल्डन कार्ड लेकर वह इलाज करा सकेगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह योजना गरीबों के लिये मोदी कवच का नाम दिया। लखनऊ में गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल राम नाईक ने आयुष्मान योजना का लोकार्पण किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि बीमार होने पर गरीब परिवार का पूरा बजट ही बिगड़ जाता था लेकिन अब आयुष्मान भारत ना सिर्फ बीमारियों से मुक्ति दिलाएगा बल्कि लोगों का बजट बिगडने से भी रोकेगा। इस योजना का लाभ देने को देश में पांच करोड़ ऐसे लोग चिह्नित किए गए हैं जो परिवार में किसी सदस्य की बीमारी के कारण गरीबी रेखा से नीचे चले गए थे। यह एक संकट मोचन योजना है किसी भी परिवार को साहूकार के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गृहमंत्री ने कहा कि हेल्थ केयर सेंटर के साथ हेल्थ प्रोटेक्शन कवर भी दिया जा रहा है। राजनाथ सिंह और राम नाईक ने लाभार्थियों को प्रतीक स्वरूप योजना के कार्ड प्रदान किये।

जाहिर है कि यह योजना भारत को मेडिकल हब के रूप में भी समृद्ध करेगी। ऐसा नहीं कि नरेंद्र मोदी ने एकदम से यह योजना लागू कर दी। वह इसकी तैयारी पहले से कर रहे थे। जनधन खाता खोलने की शुरुआत के साथ ही अनेक योजनाएं उनके उनके दिमाग में थीं। यदि मोदी भी यूपीए सरकार की तर्ज पर चलती रहती तो जनहित की इतनी बड़ी योजना लागू होना संभव ही नहीं था। मोदीं सरकार ने लाखों करोड़ रुपये के लुपोल रोके। व्यवस्था से बिचैलियों को हटाया। ये सब खजाने में पहुंचे। सरकार के खजाने में जब पर्याप्त धन पहुंचा तो उसने जन कल्याणकारी योजना को उसे लगाना शुरू किया। इस प्रकार के अनेक कार्य भविष्य में दिखाई देंगे।

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