हरदोई -शहर के सुप्रसिद्ध रामजान श्री राम जानकी मंदिर परिसर में मानव अमृत सेवा संस्थान के बैनर तले चल रहे मानस कथा के आठवें दिन मानस मर्मज्ञ जितेंद्र जी महाराज ने कहा कि जगत के कल्याण हेतु परमात्मा ने वन जाना स्वीकार किया और दुष्टों का नाश कर सबका कल्याण किया। श्री राम जानकी मंदिर परिसर में श्रोताओं को परमात्मा के स्वरूप और उसकी प्रासंगिकता पर वर्णन करते हुए कहा कि जब जब पापाचार अधिक सीमा में बढ़ जाता है तो परमात्मा अवतार लेकर उन पापियों का विनाश करता है।इसीलिए भगवान राम ने जगत के कल्याण हेतु वन जाना स्वीकार किया । उन्होंने कहा कि कैकेई पर कोई दोष न लगाये। भगवान को वन जाने में इसके पीछे पांच संतो का हाथ था। पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि संत सदैव जगत का कल्याण चाहते है इसी उदेश्य से उन्होंने यह लीला की। उन्होंने बताया कि श्रीराम को वन जाने का कार्य वशिष्ठ जी, विश्वामित्र जी, वाल्मीकि जी,अगस्त जी और भारद्वाज जी का हाथ रहा। उन्होंने इस कार्य को करने के लिये स्वयं परमात्मा संतो से यह लीला करायी। कथा के संयोजक मुकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि कथा 24 सितंबर तक शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक होगी। कल कथा के समापन अवसर पर भंडारा किया जाएगा। कथा में मानस अमृत सेवा संस्थान के संरक्षक जय कृष्ण शुक्ला,अनूप पांडे मुकेश दुबे आचार्य प्रवीण शास्त्री सुधीर, प्राची दीक्षित, अभिषेक दीक्षित आदि सहयोगी रहे। इसके पूर्व व्यास पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। पूजन में यजमान मुकेश कुमार रचना गुप्ता, राजकुमार गीता साई, संदीप बूंदी वाले, सुधीर बताशा वाले, रवि गुप्ता आदि ने संयुक्त रूप से पूजन किया।
Post Top Ad
Sunday 23 September 2018
हरदोई-भगवान श्रीराम को वन जाने के पीछे पांच संतों का हाथ- जितेंद्री जी महाराज
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment