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Thursday 13 September 2018

विकास के लिए विभागीय राजस्व का शत्-प्रतिशत प्राप्त किया जाना आवश्यक : नंदी

लखनऊ। प्रदेश के स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि प्रदेश की उन्नति और विकास के लिए विभागीय राजस्व का शत्-प्रतिशत प्राप्त किया जाना आवश्यक है। इसके लिए डी0आई0जी0 स्तर के अधिकारी पाक्षिक एवं ए0आई0जी0 स्तर के अधिकारी साप्ताहिक समीक्षा करें, जिससे निर्धारित राजस्व के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
श्री नंदी ने यह विचार आज यहां आई0जी0 कैम्प कार्यालय, गोमतीनगर, लखनऊ में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की राजस्व समीक्षा के दौरान व्यक्त किए। ज्ञातव्य है कि इस वर्ष वार्षिक लक्ष्य 18 हजार करोड़ रुपए के सापेक्ष अप्रैल-अगस्त, 2018 तक 6,536.71 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया गया, जो कुल लक्ष्य का 36 प्रतिशत है। माह अगस्त में बेहतर प्रदर्शन करते वाले मण्डलों में लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद तथा गोरखपुर शामिल हैं, जिन्होंने मासिक लक्ष्य के सापेक्ष 90-100 फीसदी राजस्व हासिल किया।
उल्लेखनीय है कि अगस्त, 2018 तक निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष सबसे कम क्रमिक राजस्व प्राप्त करने वाले जनपदों में हमीरपुर, सोनभद्र, महराजगंज, कौशाम्बी, जालौन, चित्रकूट, महोबा, श्रावस्ती एवं कुशीनगर शामिल हैं। यही नहीं, विभाग लम्बित वादों को भी जल्द खत्म करने की दिशा में काम कर रहा है। अगस्त, 2018 तक पांच वर्ष से अधिक अवधि में कुल 568 वाद लम्बित हैं, जिनमें सबसे ज्यादा लम्बित वाद वाले जनपदों में जौनपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, बलिया, वाराणसी, गोरखपुर, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, गाजीपुर एवं आगरा शामिल हैं।
श्री नन्दी ने कहा कि वसूली प्रमाण-पत्र कम्प्यूटर पर दर्ज किए जाए और अधिकारी इसका निदान कर वसूली का क्रियान्वयन करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को राजस्व देने के मामले में वाणिज्यकर व आबकारी के बाद स्टाम्प विभाग आता है। मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हम नम्बर दो के पायदान पर आ जायें, इसके लिए सक्रिय प्रयास किये जाएं।
पावर ऑफ अटॉर्नी को लेकर नन्दी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसकी पूरी वैधता की जांच करने के बाद ही उप-निबंधक रजिस्ट्री की कार्रवाई करें। गौरतलब है कि लोग फर्जी तरीके से पावर ऑफ अटॉर्नी बना लेते हैं और अपने खाते में पैसा ले लेते हैं। इसके अलावा, श्री नन्दी ने कहा कि बंधक की गई सम्पत्ति की रजिस्ट्री जरूरी है और उसे पोर्टल पर भी डाला जाए ताकि कोई भी व्यक्ति उस प्रॉपर्टी को दोबारा बंधक न बना सके।
श्री नन्दी ने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिलान को लेकर जल्द ही ए0आई0जी0, डी0आई0जी0 और अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की राज्यस्तरीय बैठक आहूत करने को कहा।

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