गृह मंत्री करेंगे सेफ सिटी प्रॉजेक्ट का उदघाटन, जिलेभर में बनाए जाएंगे 50 गुलाबी टॉयलेट, 90 करोड़ खर्च करके बनाया जाएगा आधुनिक कंट्रोल रूम।
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के ऐसे सभी स्थान, जहां अक्सर महिलाओं व लड़कियों के साथ छेड़छाड़, चेन स्नेचिंग व लूट की वारदात होती हैं, उन्हें चिह्नित कर वहां स्पेशल लाइटिंग करवाई जाएगी। ताकि वहां पुलिस की विशेष गश्त हो सके और अंधेरे के चलते घटनाएं न हों। शहर की महिलाओं व लड़कियों की सुरक्षा का रंग पिंक होगा। इसके लिए सरकार की तरफ से 100 करोड़ से ज्यादा की रकम खर्च की जाएगी, जिसमें करीब 90 करोड़ की लागत से महिलाओं के लिए एकीकृत आधुनिकतम कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जबकि बाकी की रकम से 100 पिंक पुलिस आउटपोस्ट, महिला पुलिसकर्मियों के लिए 100 पिंक स्कूटी और 50 पिंक टॉयलेट बनाए जाएंगे। यह रकम निर्भया कोष के तहत मंजूर हुए 194.44 करोड़ रुपये में से खर्च की जाएगी।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे सेफ सिटी प्रॉजेक्ट का उद्घाटन
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ के सांसद हैं। इसके चलते वह खुद लखनऊ में सेफ सिटी प्रॉजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। हालांकि यह कब तक होगा यह अभी तय नहीं है। प्रमुख सचिव गृह को सेफ सिटी प्रॉजेक्ट का नोडल अफसर बनाया गया है। उनकी देखरेख में ही ये सारे काम होंगे। करीब 90 करोड़ की लागत से बनने वाला कंट्रोल रूम आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से लैस होगा। इसके लिए ऐसे सभी स्थान जहां महिलाओं-लड़कियों का सबसे ज्यादा आना-जाना है, स्कूल, मॉल्स, बाजार पर आधुनिकतम सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जिनमें ऑटो रिकग्निशन सिस्टम होगा। लखनऊ सेफ सिटी के लिए प्रस्ताव तैयार करने वाली एडीजी वीमेन पावर लाइन अंजू गुप्ता ने बताया कि यह कंट्रोल रूम यूपी 100 से अलग होगा। इसमें आधुनिकतम कैमरे और सोशल मीडिया, ऑडियो विडियो एनालिसिस सिस्टम लगेगा। इसके अलावा पुलिस और पब्लिक के लिए ऐप होंगे जो कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे।
शहर में कराये जायेंगे ये प्रमुख काम
1-एकीकृत स्मार्ट नियंत्रण कक्ष की स्थापना।
2-महिलाओं की ओर से शिकायत दर्ज करने में सहायता के लिए पिंक आउट-पोस्ट(चौकियों) (पूर्णतः महिला पुलिस की ओर से संचालित) की स्थापना।
3-महिला पुलिस का पिंक पेट्रोल(गश्त)।
4-परामर्शदाताओं के साथ सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित करना।
5-कैमरा सहित बसों में सुरक्षा उपायों को लागू करना।
6-पिंक शौचालयों की स्थापना।
7-एकल एमर्जेन्सी नम्बर के साथ महिला शक्ति – हेल्पलाइन का एकीकरण।
8. अपराध व दुर्घटना बाहुल्य हॉट स्पॉट पर बेहतर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था।
9. आशा ज्योति केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
250 सिटी बसों में लगाए जायेंगे सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन व जीपीएस
सेफ सिटी प्रॉजेक्ट के तहत शहर में चलने वाली करीब 250 सिटी बसों में सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन व जीपीएस लगाया जाएगा। ये तीनों चीजें इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से जुड़ी होंगी। कहीं भी मुसीबत आने पर महिला इनके जरिए सीधे कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकेगी। इसके अलावा शहर में मौजूद आशा ज्योति केंद्र की क्षमता को भी दोगुना किया जाएगा। इसके अलावा 100 सबसे व्यस्त सार्वजनिक स्थानों पर पिंक आउटपोस्ट बनाए जाएंगे जहां सिर्फ महिला पुलिसकर्मी ही तैनात होंगी। यहां महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करवाने और मदद मांगने जा सकेंगी। लड़कियों के स्कूल, बाजार, मॉल्स के आसपास 100 पिंक स्कूटी सवार महिला पुलिस की गश्त टीमें होंगी। जो सड़क पर नजर रखेंगी कि महिलाओं के साथ अभद्रता न हो। इसके अलावा 43 थानों और लखनऊ के सभी एसपी के दफ्तरों पर महिलाओं के लिए अलग से हेल्प डेस्क बनाई जाएंगी। जहां महिला पुलिसकर्मी महिलाओं की समस्या सुनने के लिए मौजूद रहेंगी।
ढाई करोड़ की लागत से नगर निगम बनाएगा 50 पिंक टॉयलेट
नगर निगम शहर के प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर करीब ढाई करोड़ की लागत से 50 पिंक टॉयलेट बनवाएगा। सेफ सिटी प्रॉजेक्ट के तहत 1090 की क्षमता को दोगुना किया जाएगा। फिलहाल वहां 80 सिस्टम के जरिए महिलाओं की शिकायतों की सुनवाई और निपटारा हो रहा है। इन्हें बढ़ाकर 160 किया जाएगा। इसके अलावा 1090 व यूपी 100 को भी लिंक किया जाएगा, जिसके चलते जो शिकायत 1090 से जुड़ी होगी और यूपी 100 पर आती है वह अपने आप 1090 को ट्रांसफर हो जाएगी। हेल्पलाइन नंबर 112 को भी 1090 व यूपी 100 से जोड़ा जाएगा। 1090 की सायबर एनालिसिस विंग की क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा। उन्हें नए टूल्स, सॉफ्टवेयर व आउटसोर्सिंग के जरिए विशेषज्ञ उपलब्ध करवाए जाएंगे।
केजीएमयू में लैब टेक्नीशियन ने जूनियर डॉक्टरों से की छेड़छाड़
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के लैब टेक्नीशियन पर जूनियर डॉक्टरों ने छेड़छाड़ व अभद्रता का आरोप लगाया है। अफसर कार्यवाही की बजाय मामले में को दबाने में जुटे हैं। जूनियर डॉक्टरों ने एकजुट होकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद विशाखा कमेटी से जांच कराने की बात कही गई है।
जानकारी के मुताबिक, केजीएमयू के 14वें दीक्षांत समारोह वाले दिन माइक्रोबायोलॉजी विभाग में छेड़छाड़ से तंग जूनियर डॉक्टरों ने विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता जैन से शिकायत दर्ज कराई। विभागाध्यक्ष आरोपी लैब टेक्नीशियन को बुलाकर पूछताछ की, लेकिन वह आरोप गलत बताता रहा। जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि शिकायत वापस लेने का काफी दबाव था। जूनियर डॉक्टरों ने कार्यवाही ना करने पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री से शिकायत की बात कही। केजीएमयू प्रवक्ता डॉक्टर संतोष कुमार का कहना है कि विशाखा कमेटी जांच कर रही है दोषी मिलने पर कार्यवाही होगी।
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