मुंबई- करोड़ो रुपए के राजस्व नुकसान प्रकरण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परिवहन उपायुक्त अरुण भालचंद्र के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश पारित किए हैं, जिसके अंतर्गत राष्ट्रपति कार्यालय के उपसचिव अशोक कुमार ने महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव डी.के.जैन को लिखित आदेश दिए हैं।
याद दिला दें कि महाराष्ट्र विधान मंडल की सर्वोच्च समिति के लोकलेखा समिति ने शासन के राजस्व का करोड़ों रुपए का नुकसान करनेवाले अरुण भालचंद्र व अन्य 15 अधिकारियों की विभागीय जांच का आदेश परिवहन विभाग को दिए थे। लोकलेखा समिति के आदेश को ठुकराने के विरुद्ध राष्ट्रीय मानवाधिकार मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत किया था। उक्त ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रपति ने आदेश दिया है। अरुण भालचंद्र जो परिवहन आयुक्त कार्यालय में परिवहन उपायुक्त (प्रशासन) के पद पर आज भी कार्यरत हैं। भालचंद्र मुंबई विभाग में प्रादेशिक परिवहन अधिकारी पद पर कार्यरत थे, उस समय शासन के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का आरोप लोकलेखा समिति द्वारा लगाया गया था, जिसकी विभागीय जांच करने का आदेश लोकलेखा समिति तथा परिवहन मंत्री ने परिवहन विभाग को दिए थे। परंतु आरोप है कि अरुण भालचंद्र व अन्य 15 अधिकारियों की विभागीय जांच न करते हुए उन्हें संरक्षण देने का काम किया गया। तत्कालीन परिवहन आयुक्त प्रवीण गेडाम ,परिवहन विभाग के उपसचिव प्रकाश साबले,अपर परिवहन आयुक्त सतीष सहस्रबुद्धे व सह परिवहन आयुक्त प्रसाद महाजन पर आरोप लगे हैं। भालचंद्र को प्रादेशिक परिवहन अधिकारी पद से परिवहन उपायुक्त (प्रशासन) जैसे महत्वपूर्ण पद पर पदोन्नती दी गई।
इसके खिलाफ शरद धुमाल ने राज्य के मुख्यसचिव, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव व परिवहन आयुक्त के समक्ष समय समय पर पत्र व्यवहार किया है। शरद धुमाल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजा था। राष्ट्रपति ने गंभीरता से लेते हुए भालचंद्र व अन्य 15 अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का आदेश महाराष्ट्र के मुख्य सचिव डी.के.जैन को दिया है।
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