लखनऊ। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से प्रदेश में अवैध हथियारों की फसल लहलहा रही है। हर दिन 7 से 8 गिरोह पकड़े जा रहे हैं और 200 से 250 अवैध असलहे बरामद किए जा रहे हैं। इसके बावजूद यह संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक पुलिस अधिकारी की मानें तो चुनाव की घोषणा के बाद से अभी तक 24 दिनों में पुलिस के अभियान में विभिन्न जिलों से लगभग 6000 अवैध असलहे बरामद किए गए हैं। यानी हर दिन औसतन 250 असलहे बरामद किए जा रहे हैं। वहीं, अवैध असलहे बनाने की चार से पांच फैक्टरियां भी पकड़ने का दावा किया जा रहा है। दूसरी ओर चुनाव की घोषणा के बाद अभी तक औसतन हर दूसरे दिन एक व्यक्ति की हत्या हो रही है। इससे पुलिस अधिकारी चिंता में हैं।
पुलिस की मिलीभगत के बिना अवैध असलहे का कारोबार संभव नहीं
अवैध असलहे का कारोबार पुलिस की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। चुनाव के दौरान लंबे समय से एक स्थान पर जमे अफसरों को हटा दिया जाता है और निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कार्रवाई तेज हो जाती है। इसलिए हर दिन अवैध असलहे बरामद किए जा रहे हैं। अगर इस तरह की कार्रवाई लगातार चलती रहे तो न जानें कितनी हत्याएं होने से बच जाए और इस कारोबार पर नियंत्रण लग सके। एक पुलिस अधिकारी की मानें तो आम दिनों के मुकाबले चुनाव के दौरान अवैध असलहों की मांग बढ़ जाती है।
चुनाव से पहले ही निर्वाचन आयोग ने जताई थी चिंता
चुनाव से ठीक पहले प्रदेश के दौरे पर आई निर्वाचन आयोग की टीम ने अवैध असलहों को लेकर चिंता जताई थी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कई जिलों में अवैध असलहों को लेकर हो रही लचर कार्रवाई पर फटकार लगाई थी।
सर्वाधिक अवैध असलहे पश्चिमी यूपी के जिलों बिजनौर, रामपुर, शामली, बरेली, गाजियाबाद, अमरोहा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ से बरामद हो रहे हैं।
निश्चित रूप से अवैध असलहे बरामद होना चिंता का विषय है। हालांकि हर चुनाव के दौरान लगभग इसी मात्रा में असलहे पकड़े जाते हैं। -प्रवीण कुमार, आईजी, कानून-व्यवस्था
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