लखनऊ। तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित पुकार गुटखा फैक्ट्री में मंगलवार को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण और एफएसडीए की टीम ने संयुक्त रूप से छापा मारा। फैक्ट्री में छापा पड़ते ही वहां हड़कंप मच गया और कई मजदूर वहां से भाग निकले। छानबीन में वहां से 84 किलो मिलावटी कत्था मिला, जिसे सीज कर दिया गया है। आशंका है कि उसमें चमड़ा साफ करने वाला रसायन गैम्बियर मिला हुआ है। टीम के सदस्यों ने गुटखा, कत्था व सुपारी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है।
एफएसडीए के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश कुमार मिश्रा ने बताया कि मंगलवार को तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित मेसर्स दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी (पुकार पान मसाला फैक्ट्री) में छापा मारा गया। टीम के साथ एसीएम-6 भी मौजूद थे। टीम के सदस्यों ने मौके से कत्थे के छह नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं। फैक्ट्री में रखा 84 किलो कत्था भी सीज कर दिया गया है। सीज किए गए कत्थे की कीमत करीब 53 लाख रुपये आंकी गई है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण विभाग के तकनीकी अधिकारी बृजेश कुमार यादव के निर्देशन में यह छापेमारी हुई। अधिकारियों ने बताया कि यूपी के एक जिले में गुटखा में प्रतिबंधित गैम्बियर मिलने की पुष्टि हुई थी। इसी के बाद पुकार पान मसाला की फैक्ट्री में छापेमारी की गई है।
वजीरगंज में भी पकड़ा गया था 75 कुंतल गैम्बियर
वजीरगंज में 14 मार्च को एफएसडीए की टीम ने 75 किलो गैम्बियर पकड़ा था। यह कार्रवाई सहायक आयुक्त, एफएसडीए शशि पाण्डेय की टीम ने की थी। सुभाष मार्ग स्थित एक थोक व्यापारी को यह माल दिल्ली से भेजा गया था। हालांकि एफएसडीए टीम बिचौलियों से यह पता नहीं लगा सकी कि गैम्बियर कहां भेजा जाना था। पुकार पान मसाला फैक्ट्री में मंगलवार को हुई बरामदगी के बाद वजीरगंज में पकड़े गए माल को लेकर भी छानबीन शुरू हो गई है। छानबीन में जुटी टीमें यह पता लगा रही हैं कि वजीरगंज में पकड़ा गया माल भी इसी फैक्ट्री के लिए तो नहीं आया था/
कैंसर जैसी घातक बीमारी को जन्म देता है गैम्बियर
एफएसडीए के अभिहित अधिकारी डॉ. टीआर रावत ने बताया कि गैम्बियर बहुत खतरनाक रसायन है। इसका इस्तेमाल चमड़े को रंगने और उसे साफ करने में किया जाता है। खाद्य पदार्थों में इसके सेवन से गुर्दे-लिवर खराब होने के साथ-साथ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने की आशंका रहती है।
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