लखनऊ। फेसबुक पर किडनी रैकेट के सक्रिय होने के सम्बन्ध में आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा मई 2014 में थाना गोमतीनगर को दिए गए प्रार्थनापत्र पर दर्ज मुकदमे को लखनऊ पुलिस द्वारा बंद करते हुए हाल में सीजेएम कोर्ट लखनऊ में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत किया है.
एफआईआर संख्या 333/2014 धारा 270, 336, 403, 413, 414, 420, 467, 468, 511 आईपीसी व धारा 19, द ट्रांस्प्लानटेशन ऑफ़ ह्यूमन ओर्गंस एक्ट 1994 में अमिताभ ने बताया था कि नोयडा के प्रतीक जैन ने उन्हें फेसबुक पर एक सन्देश भेजा था कि उन्हें अनुराग जोशी नामक व्यक्ति फेसबुक पर किडनी बेचने के लिए संपर्क कर रहा था इसके लिए करीब3.5-4 लाख रुपये दे रहा था.
एफआईआर करने के पहले अमिताभ ने भी उस आदमी से फोन पर बात की तो उसने कहा कि उन्हें किडनी के लिए करीब तीन लाख रुपये मिलेंगे. उसने बताया कि अमिताभ को इसके लिए पुणे आना पड़ेगा और वहां से ईरान जाना पड़ेगा, जो पूरी व्यवस्था उसी की तरफ से होगी. उसने पासपोर्ट और उम्र के बारे में पूछा और कहा था कि पैसे पहले ही मिल जायेंगे. यह भी कहा था कि यदि कोई कम उम्र का आदमी हो तो उसका किडनी तत्काल बिक जाएगा.
बाद में क्राइम ब्रांच, लखनऊ पुलिस ने यह कहते हुए विवेचना समाप्त कर दी कि प्रकरण में वास्तव में किडनी की खरीद-बिक्री नहीं हुई थी, अतः कोई अपराध घटित नहीं हुआ एवं मात्र फेसबुक में इस संबंध में वार्ता के आधार पर कार्यवाही नहीं की जा सकती है.
अमिताभ ने कहा कि वे इस अंतिम रिपोर्ट के गलत होने के कारण कोर्ट में इसका विरोध करेंगे.
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