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Friday 17 May 2019

ब्‍लड प्रेशर के लिए पर्चा बनवाने की जरूरत नहीं— डॉ लोचन

जानलेवा बनता जा रहा है हाइपरटेंशन

लखनऊ। अगर आपको घबराहट, चक्कर, कमजोरी या काम करने में मन नहीं लगता है तो इसे कतई अनदेखा न करें। ज्यादातर हम लोग को चक्कर आना, कमजोरी, घबराहट को नजरअंदाज करते हुए खुद ही डाक्टर बनकर अपने स्तर से उपचार करने लगते है लेकिन ये सारे लक्षण हाईपरटेंशन की तरफ भी इशारा करते है ऐसे में समय रहते डाक्टर से परामर्श करना काफी आवश्यक है। आज उच्च रक्तचाप एक गम्भीर रोग बनता जा रहा है। भागदौड़-भरी जीवन में हम सिर्फ अपने तय लक्ष्य की पीछे ऐसे भागने में व्यस्त है कि अपनी सेहत का जरा भी ख्याल नहीं रखते है।

500 लोगों ने नपवाया ब्‍लड प्रेशर,मिली 56 लोगों में हाई ब्‍लड प्रेशर की शिकायत

विश्व उच्‍च रक्‍तचाप दिवस पर शुक्रवार को राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में एक अच्‍छी पहल शुरू की गयी है, यहां चार कियोस्‍क खोले गये हैं जहां पर कोई भी व्‍यक्ति अपना ब्‍लड प्रेशर नपवा सकता है, खास बात यह है कि इसके लिए उसे अस्‍पताल का परचा बनाने की भी जरूरत नहीं है। यानी एक भी पैसा इसके लिए खर्च नहीं किया जाना है। इसकी शुरुआत अस्‍पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने की। पहले दिन 500 लोगों ने अपना ब्‍लड प्रेशर नपवाया जिसमें 56 लोगों में हाई ब्‍लड प्रेशर की शिकायत पायी गयी, इनमें भी 10 ऐसे लोग थे, जिनका सिस्‍टोलिक अर्थात ऊपर का ब्‍लड प्रेशर 200 से ऊपर था।

10 प्रतिशत से ज्‍यादा को उच्‍च रक्‍तचाप की शिकायत

यह जानकारी देते हुए डॉ राजीव लोचन ने बताया कि अस्‍पताल में चार कियोस्‍क खोले गये हैं जिनमें तीन कियोस्‍क ओपीडी परिसर में तथा एक नॉन क्‍म्‍युनिकेबिल डिजीज विभाग (एनसीडी) में खोला गया है। यहां पर ओपीडी के दिनों में ओपीडी के समय पर ब्‍लड प्रेशर नपवाने की सुविधा उपलब्‍ध रहेगी। इसकी शुरुआत के बारे में डॉ लोचन ने बताया कि इस आइडिया का विचार मेरे मन में तब आया जब मैं एक कॉन्‍फ्रेंस में भाग लेने गया था, तो वहां पर बताया गया था कि ऐसे बहुत सी संख्‍या में लोग हैं जिन्‍हें मालूम ही नहीं है कि उन्‍हें हाई ब्‍लड प्रेशर है। डॉ लोचन ने बताया कि इसका प्रत्‍यक्ष उदाहरण आज पहले दिन ही दिखा जब जांच किये गये व्‍यक्तियों में से 10 प्रतिशत से ज्‍यादा को उच्‍च रक्‍तचाप की शिकायत निकली, उनमें भी करीब 20 प्रतिशत का रक्‍तचाप गंभीर स्‍तर तक बढ़ा हुआ निकला।

हाइपरटेंशन से बचने के लिये सुबह-सुबह पार्क में टहले

उन्होने कहा कि हाइपरटेंशन से बचने के लिये यदि हम सुबह-सुबह पार्क में टहलने के लिये जाये, व्यायाम को अपनी दैनिक जीवनचर्या में शामिल कर लें तो इससे काफी लाभ मिलेगा। मोटापा को दूर करके हम हाइपरटेंशन से काफी हद तक बचाव कर सकते हैं। जीवनशैली से जुड़ी जटिलताओं, बीमारियों, खाने-पीने की गलत आदतों, जागरूकता की कमी के चलते आज देश की बड़ी आबादी हाइपरटेंशन और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे स्ट्रोक, किडनी में समस्या, हार्ट अटैक एवं अन्य कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का शिकार हो रही है।

हाइपरटेंशन से बचाव के लिए करें यह

डॉ राजीव लोचन ने कहा कि हाइपरटेंशन किसी को भी हो सकता है। प्रतिस्पर्धा की इस दौड़ में छात्र-छात्रायें हो या नौकरी-पेशा वाला इंसान आज हर कोई विलासिता की अंधी दौड़ में शामिल होकर अपने सेहत के प्रति लापरवाह हो गया है। हाइपरटेंशन से बचने के लिये हर किसी को सेहतमंद चीज जैसे दूध-दही, मौसमी फल, हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिये।

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