आरटीओ फिटनेस ग्राउंड पर केवल चार स्कूलों के 14 वाहन ही जांच के लिए पहुंचे
केवल चार स्कूलों के 14 वाहन ही फिटनेस कराने के लिए पहुंचे
प्रत्येक सप्ताह 700 स्कूली वाहनों की जांच करने का लक्ष्य है
तरुणमित्र। नोटिस पर नोटिस…नोटिस पर नोटिस, लेकिन इसके बावजूद स्कूली वाहन रविवार को आरटीओ के फिटनेस ग्राउंड पर नहीं दिखे। परिवहन विभाग के सख्त आदेश के बावजूद राजधानी के कई स्कूल प्रबंधनों ने अपने-अपने स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच व अन्य दस्तावेजों की पड़ताल के लिए गाड़ियों को नहीं भेजा। तय दिन और समय के मुताबिक रविवार को आरटीओ प्रवर्तन की टीम तो फिटनेस ग्राउंड पहुंच गई, मगर स्कूली वाहनों का वहां पर अता-पता तक नहीं था। आरटीओ कार्यालय के फिटनेस ग्राउंड पर आज केवल चार स्कूलों के 14 वाहन ही फिटनेस कराने के लिए पहुंचे।
इनमें से तीन स्कूली बस और 11 स्कूली वैन थीं। चार वाहन अनफिट पाए गए जिन्हें फिट कराने के निर्देश अधिकारियों ने जारी किए। जिन स्कूलों के वाहन आज ग्राउंड पहुंचे थे उनमें सिटी मांटेसरी स्कूल, पायनियर मोंटेसरी स्कूल, प्रियदर्शनी पब्लिक इंटर कॉलेज और सेंट फिलामारेस स्कूल के वाहन शामिल थे। अब ऐसे में इसे स्कूल प्रबंधन की मनमानी और प्रवर्तन टीम की बेचारगी ही कहेंगे कि दोनों के बीच ऐसे ढुलमुल रवैये के चलते स्कूली बच्चों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। जबकि राजधानी में हर दिन तमाम स्कूलों में स्कूली वाहन बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर लाने और ले जाने का काम किया जाता है। वहीं समय-समय पर वाहनों की फिटनेस जांच होनी चाहिए। परिवहन विभाग के अधिकारी कभी-कभी इसमें तत्परता भी दिखाते हैं लेकिन स्कूल प्रबंधन परिवहन विभाग के आदेशों को ठेंगे पर रख देता है और बच्चों की जान लेने से भी पीछे नहीं हटता।
वहीं इस विषय पर एआरटीओ प्रवर्तन संजीव कुमार गुप्ता का कहना रहा कि राजधानी के समस्त स्कूलों को फिटनेस ग्राउंड पर स्कूली वाहन लाने के लिए पत्र भेजा गया था, लेकिन चार स्कूलों के ही वाहन आए हैं। जिन स्कूलों ने अपने वाहन फिटनेस के लिए नहीं भेजे हैं उन्हें नोटिस जारी किया जाएगाा। यही नहीं उनका यह भी कहना कि उनकी टीम के साथ प्रत्येक सप्ताह 700 स्कूली वाहनों की जांच करने का लक्ष्य है, ऐसे में यह टारगेट कैसे पूरा होगा यह सोचने वाली बात है।
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