कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सरकार और डॉक्टरों में टकराव के बीच स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है। राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों के 400 से अधिक डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है, जिससे यहां स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। इलाज के बगैर मरीज हलकान हुए जा रहे हैं। उपचार नहीं मिल पाने के कारण शुक्रवार को भी एक नवजात की मौत हो गई तो डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से माफी की जिद पर अड़े हैं, जिन्होंने डॉक्टरों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वे काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘बाहरी लोग’ यहां गड़बड़ियां फैला रहे हैं, जिसे वे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगी। डॉक्टरों का कहना है कि वे बाहरी नहीं हैं, बल्कि अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलन पर उतरे हैं। मरीजों के परिजनों के हमलों से तंग आकर वे आंदोलन पर मजबूर हुए हैं, जिसमें सोमवार को एक डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए।
एनआरएस मेडिकल कॉलेज में में एक रेजिडेंट डॉक्टर की पिटाई के बाद तूल पकड़ने वाला यह मामला अब सियासी रंग भी लेने लगा है। बीजेपी ने इसे लेकर ममता सरकार पर निशाना साधा है तो तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का आरोप है कि बीजेपी इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस संबंध में ममता बनर्जी को पत्र भी लिखा और गतिरोध को दूर करने के लिए व्यक्गित रूप से हस्तक्षेप के लिए कहा और यह भी कहा कि वह इसे ‘प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाएं।’
इस बीच पश्चिम बंगाल में विपक्षी पार्टी सीपीएम ने भी ममता बनर्जी पर डाक्टरों की हड़ताल से उपजे संकट के राजनीतिकरण का आरोप लगाया। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा कि वह इस मामले में सांप्रदायिक आधार पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। वहीं, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
इधर, कोलकाता के आंदोलनरत मरीजों के समर्थन में देशभर के डॉक्टर उतर आए हैं तो इस विवाद का कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोलकाता हाई कोर्ट ने जहां इस मसले पर ममता सरकार को फटकार लगाई है और उससे एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है, वहीं राज्य सरकार से इस मसले का हल निकालने के लिए भी कहा।
डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बिना शर्त माफी मांगने सहित अपनी 6 शर्तें रखी हैं तो इस बीच गतिरोध सुलझाने के लिए राज्य सचिवालय में बैठक के लिए सरकार के आमंत्रण को भी आंदोलनकारी डॉक्टरों ने ठुकरा दिया है।
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