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Friday 14 June 2019

रायपुर में पत्रकार गिरफ्तार, बिजली बंद को लेकर गलत खबर छापने का आरोप

रायपुर: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बिजली बंद को लेकर गलत समाचार छापने के आरोप में पुलिस ने एक स्थानीय पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसे अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया। इससे पहले राज्य के राजनांदगांव जिले में सरकार पर इन्वर्टर कंपनी के साथ सांठगांठ का आरोप लगाने के आरोप में एक ग्रामीण को गिरफ्तार कर लिया गया।

महासमुंद जिले के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता एसके साहू की शिकायत पर पुलिस ने स्थानीय पत्रकार दिलीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। सूर्यवंशी ने बताया कि शर्मा वेबमोर्चाडाटकाम के नाम पर वेब पोर्टल चलाते हैं। पिछले दिनों शर्मा ने अपने वेब पोर्टल पर खबर प्रकाशित की थी कि 48 घंटों के दौरान जिले के 50 गावों में ब्लैकआउट की स्थिति है। यह खबर गलत और भ्रामक थी।

छत्तीसगढ़ राज्य पावर होल्डिंग कंपनी के सहायक महाप्रबंधक :जनसंपर्क: विजय मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार की नीति है कि राज्य के गांवों और शहरों में 24 घंटे बिजली दी जाए। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व बिजली कंपनी को बदनाम करने के लिए ब्लैआउट होने जैसी अफवाह फैला रहे हैं।

मिश्रा ने कहा कि कई बार आंधी और अन्य कारणों से पावर कट की समस्या आती है। वर्तमान में मानसून से पहले का सुधार कार्य चल रहा है जिसकी वजह से कुछ समय के लिए पावर कट हो सकता है। बिजली की अधिकता वाले छत्तीसगढ़ राज्य में पावर कट की समस्या नहीं है।

इधर जमानत पर रिहा होने के बाद दिलीप शर्मा ने कहा कि उस पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। शर्मा ने कहा कि उसने अपने वेबपोर्टल पर खबर लिखी थी कि महासमुंद जिले के बागबहरा क्षेत्र में छह जून से आठ जून के मध्य 48 घंटों के दौरान ब्लैकआउट था जो सत्य है।

शर्मा ने कहा कि सच्चाई सामने लाने के कारण उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुरूवार आधी रात को मुझे अपराधी की तरह घर से उठाया गया और रात भर थाने में रखा गया। इस दौरान मुझे इसका कारण भी नहीं बताया गया। राज्य में लोगों की गिरफ्तारी के बाद मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सरकार पर अलोकतांत्रिक कदम उठाने का आरोप लगाया है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि बिजली कटौती को लेकर पूरा प्रदेश हाहाकर कर रहा है। राज्य सरकार बजाय इस अव्यवस्था को दूर करने के इस मुद्दे पर टिप्पणी करने और समाचार लिखने पर पाबंदी लगाने के लिए अलोकतांत्रिक कदम उठाने पर आमादा हो गई है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि मांगेलाल अग्रवाल और दिलीप शर्मा को राजद्रोह और सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार करके राज्य सरकार ने साबित कर दिया कि उन्हें सरकार चलाने और प्रशासन को साधने की समझ ही नहीं है तथा लोकसभा चुनाव की शर्मनाक पराजय की खीझ अब इस तरह उतारी जा रही है।

गुरूवार को राजनांदगांव जिले की पुलिस ने राज्य सरकार पर इन्वर्टर कंपनियों के साथ सांठगांठ का आरोप लगाने तथा इस संबंध में वीडियो के वायरल होने के बाद मांगेलाल को राजद्रोह और अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया था। इसका विरोध होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अग्रवाल पर लगाए राजद्रोह के आरोप को वापस लेने की घोषणा की। राजनांदगांव जिले की पुलिस ने कहा कि अग्रवाल के खिलाफ राजद्रोह का सबूत नहीं मिलने के बाद उनके खिलाफ यह आरोप हटाया गया है।

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