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Wednesday 26 June 2019

हम सभी इस वजह से होते हैं विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित

अक्सर नर किसी मादा को देख आकर्षित हो जाता है और ऐसा होना स्वभाविक भी है । मगर क्या आपने कभी इसका कारण जानना चाहा, यदि नहीं तो हम आपको बता देते हैं कि ऐसा मस्तिष्क में पाए जाने वाले किसपेप्टिन नामक हार्मोन कि वजह से होता है और इसी हार्मोन के कारण विपरीत लिंग एक दूसरे के प्रति न सिर्फ आकर्षित होते हैं, बल्कि यौनाचार की इच्छा को भी प्रबल करते हैं । शोध के अनुसार यदि हार्मोन में तीव्रता पायी जाए तो मानव साइकोसेक्सुअल डिसॉर्डर से भी ग्रषित हो सकता है | साइकोसेक्सुअल डिसॉर्डर से तात्पर्य कामुकता का मनोविकार पैदा होने से है।

शोधो में किसपेप्टिन को पहले ही तरुणाईयुक्त अणु बताया जा चुका है। हाल ही हुए एक शोध के परिणामानुसार किस्पेप्टिन द्वारा ही तरुणाई, जनन क्षमता, आकर्षण, यौनाचार आदि पर नियंत्रण पाया जाता है, जो कि मस्तिष्क के विभिन्न परिपथों में संचलित रहता है ।

आपको बता दें कि यह शोध चूहों पर किया गया था, जिसका परिणाम यह निकला कि हाइपोथेल्मस में मौजूद न्यरॉन ही विपरीत लिंगों व यौनाचार के प्रति आकर्षित करता है तथा इस शोध से जुड़े जर्मनी के एक प्रोफेसर का मानना है कि इस शोध से यही ज्ञात होता है कि हमारा  मस्तिष्क बाह्य जगत से मिलने वाले संकेतों को डिकोड कर वातावरणीय संकेतों को किस प्रकार शरीर के व्यवहार में तब्दील कर देता है ।

आपको बता दे कि इस शोध को नेचर कम्युनिकेशंस नामक जर्नल में भी प्रकाशित किया गया  है तथा इसमें इस बात का ज़िक्र भी मिलता है कि कामुकता के मनोविकार से ग्रसित व्यक्ति का इलाज़ भी संभव है ।

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