नई दिल्ली। इंफोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का के अनुसार उन्होंने इस पद से इस्तीफा देने का फैसला इसलिए किया क्योंकि आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और व्यक्तिगत हमलों के सामने बचाव करते हुए उनके लिए अपना काम करना कठिन हो गया था। एक अप्रत्याशित कदम में सिक्का ने निदेशक मंडल और एन आर नारायणमूर्ति की अगुवाई में हाई-प्रोफाइल संस्थापकों के बीच कटुता बढऩे के बीच इस्तीफा दिया है।
सिक्का ने कंपनी के कर्मचारियों को भेजे पत्र में कहा है, आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और व्यक्तिगत हमलों का लगातार बचाव करने के साथ साथ मैं सीईओ के रूप में अपना काम नहीं कर सकता। इसके साथ ही सिक्का ने कहा है कि उन्होंने यह फैसला बहुत सोच विचारकर किया है। हमारे चारों ओर के शोर से बहुत ही अस्वीकार्य वातावरण बन गया।
कंपनी के पूर्व सह-संस्थापक चेयरमैन नारायणमूर्ति तथा अन्य ने सिक्का को दिए गए उच्च वेतन को लेकर सवाल उठाए साथ ही कुछ कार्यकारियों को नौकरी छोटने पर दिए गए पैकेज को लेकर भी सवाल खड़े किए गए।
साथ ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड तथा अमेरिका के बाजार विनियामक सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को गुमनाम पत्र भेजे गए। इस पत्रों में आरोप लगाया गया कि इस्राइल स्थित पनाया कंपनी का अधिग्रहण का मूल्य अधिक था और इंफोसिस के कुछ कार्यकारियों को संभवत इस सौदे ये लाभ हुआ हो।
हालांकि इस मामले में स्वतंत्र जांच में निदेशक मंडल को दोष मुक्त करार दिया गया लेकिन नारायणमूर्ति ने पूरी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का दबाव बनाया। सिक्का ने कहा कि इस प्रकार के शोरगुल के समाधान में उनके सैकड़ों घंटे बर्बाद हुए और इसीलिए उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा निर्यातक ने एक बयान में कहा कि कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी यू बी प्रवीण राव को अंतरिम प्रबंध निदेशक और सीईओ बनाया गया है।
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