
2022 तक हम धरती के अंदर मौजूद गर्मी से भी बिजली बनाने लगेंगे। सरकार ने अगले पांच साल में जियोथर्मल एनर्जी से 1000 मेगावाट कैपेसिटी के प्लांट लगाने का टारगेट रखा है। इससे सालाना एवरेज 830 करोड़ यूनिट बिजली बनाई जा सकती है। न्यू एंड रिन्यूअल एनर्जी मिनिस्ट्री (एमएनआरई) इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। देशभर में ऐसी जगहों की पहचान भी कर ली गई है जहां जियोथर्मल से बिजली बनाई जा सकती है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (सीईआरसी) ने इसकी लागत का भी अनुमान लगा लिया है।
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