मेक्सिको में आख़िर ऐसा क्या है कि इतनी तीव्रता वाले भूकंप यहां बार-बार आते हैं. इस सवाल का जवाब इसकी भौगोलिक स्थिति में खोजा जा सकता है.
ये देश घोड़े की नाल सरीखे एक इलाक़े में स्थित है जिसे पैसिफ़िक रिंग ऑफ़ फ़ायर भी कहा जाता है. भूकंप के लिहाज से ये क्षेत्र बेहद संवेदनशील माना जाता है.
इस पैसिफ़िक रिंग ऑफ़ फ़ायर का विस्तार एशिया के पूर्वी तट से अमरीका के पश्चिमी सागर तट तक है.
जियोफ़िज़िकल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेरु के सिस्मोलॉजी विभाग के डायरेक्टर हरनांदो टैवेरा ने बताया, “दुनिया के 90 फ़ीसदी भूकंप और 80 फ़ीसदी सबसे ताक़तवर भूकंप इसी पैसिफ़िक रिंग ऑफ़ फ़ायर में आते हैं.”
इसी मंगलवार 7.1 तीव्रता वाले एक भयंकर भूकंप ने स्थानीय समयानुसार दिन के तकरीबन सवा एक बजे मेक्सिको सिटी को हिला कर रख दिया.
अमरीकी जियॉलॉजिकल सर्वे के मुताब़िक भूकंप का केंद्र एक्सोकियापन के बाहरी इलाके में 51 किलोमीटर की गहराई पर था. ये जगह पुएब्ला से 55 किलोमीटर दक्षिण में पड़ता है.
ये महज इत्तेफ़ाक़ ही है कि 32 साल पहले 1985 में ठीक इसी दिन मेक्सिको सिटी के दो करोड़ लोगों ने एक और भयानक भूकंप का सामना किया था.
हफ्ते भर पहले मेक्सिको के दक्षिण-पूर्वी इलाक़े में 8.2 तीव्रता वाला भूकंप आया था जिसमें कम से कम 100 लोग मारे गए.
प्रशांत महासागर
मेक्सिको के अलावा इस पैसिफ़िक रिंग ऑफ़ फ़ायर में जापान, इक्वाडोर, चिली, अमरीका, पेरु, बोलिविया, कोलोम्बिया, पनामा, कोस्टा रिका, निकारागुआ, अल सल्वाडोर, होंडुरास, ग्वांतेमाला और कनाडा इसके दायरे में आते हैं.
इस घोड़े की नाल जैसे भौगोलिक क्षेत्र का बाहरी किनारा प्रशांत महासागर के उत्तर में एलेउतियान द्वीप समूह से शुरू होता है जो अलास्का और कैमकटका प्रायद्वीप के बीच में पड़ता है. इसका विस्तार रूस के तटवर्ती इलाकों, ताइवान, फिलिपींस, इंडोनेशिया, पपुआ न्यू गिनी और न्यूज़ीलैंड तक है.
डॉक्टर टैवेरा बताते हैं कि प्रशांत महासागर के नीचे ज़मीन के अंदर कई तरह के टेक्टोनिक प्लेट्स जो भूकंप के लिहाज से इतने संवेदनशील हैं कि इनमें रगड़ पैदा होने की सूरत में ऊर्जा पैदा होती है. इसी क्षेत्र में दुनिया के 75 फीसदी सक्रिय और निष्क्रिय ज्वालामुखी हैं.
मेक्सिको का कियापास
मेक्सिको में दो हफ़्ते पहले 8.2 तीव्रता वाला जो भूकंप आया था, उसका केंद्र कियापास में टोनाला से दक्षिण पूर्व में 137 किलोमीटर की दूरी पर था.
मेक्सिको के नेशनल सिस्मोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक़ कियापास देश के सबसे ज़्यादा भूकंप संवेदनशील क्षेत्र में पड़ता है और इसकी वजह है कोकोस और कैरिबियाई प्लेट के मिलने की जगह पर इसका होना.
यहां दोनों प्लेटों के बीच घर्षण होता है और यह जगह राज्य के सागरतट के ठीक बगल में है. 1970 के बाद से कियापास में 7 तीव्रता से ज़्यादा वाले तीन भूकंप आ चुके हैं.
-BBC
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