Pradhan Mantri आवास योजना-शहरी में भारी बदलाव, लक्ष्य हासिल करने को सरकार ने कसी कमर | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Sunday, 24 September 2017

Pradhan Mantri आवास योजना-शहरी में भारी बदलाव, लक्ष्य हासिल करने को सरकार ने कसी कमर

नई दिल्ली। Pradhan Mantri नरेंद्र मोदी के महत्वपूर्ण वादे ‘वर्ष 2022 तक सबको आवास’ को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी में भारी बदलाव करते हुए निजी भूमि पर बने मकानों, निजी निर्माण कंपनियों के परिसरों और अन्य भवन निर्माण परियोजनाओं को वित्तीय मदद देने का फैसला किया है।

सूत्रों के अनुसार ‘वर्ष 2022 तक सबको आवास’ अभियान की समीक्षा के दौरान पाया गया कि यह अपेक्षित गति नहीं पकड़ सका है जिसके कारण निर्धारित समय में इसके लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता इसलिए सरकार ने संबंधित नीति में बदलाव करने और निजी क्षेत्र को व्यापक रूप में इस अभियान में शामिल करने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना -शहरी के अंतर्गत अभी तक कुल 26 लाख 13 हजार 568 मकानों के लिए वित्तीय मदद मंजूर की गयी है।
इसके अंतर्गत वर्ष 2022 तक दो करोड़ शहरी परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

सस्ते आवास के लिए योजना की तिथि 15 महीने बढ़ायी गयी

इस बीच केंद्र सरकार ने Pradhan Mantri आवास योजना के तहत सस्ते आवास के लिए योजना की तिथि 15 महीने बढ़ायी गयी

गृह ऋण के ब्याज पर दो लाख 60 हजार रुपये तक की सब्सिडी देने की योजना की अवधि 15 महीने बढ़ाते हुए मार्च 2019 तक करने की घोषणा कर दी है। पहले इस योजना की अवधि इस वर्ष दिसंबर में समाप्त हो रही थी।

शहरों में रिक्त भूमि की कमी को देखते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी का दायरा गांवों तक पहुंचाने का निर्णय किया गया है।

इसके लिए शहरों की सीमा पर बसे गांवों में भी योजना के तहत मदद देने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ बात की जा रही है।

केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी में सरकारी निजी भागीदारी को अनुमति देने के अलावा निजी भूखंडों पर बनने वाले मकानों को भी वित्तीय मदद देने की नीति बनाई है।

नयी नीति के अनुसार निजी भूमि पर भी मकान बनाने के लिए अब प्रति मकान 2.50 लाख रुपये तक की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

शहरी क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर क्रियान्वित होने वाली सस्ते आवास परियोजनाओं में निजी निवेश की संभावनाएं भी काफी हद तक बढ़ जाएंगी।

आठ विकल्प दिये गये
सस्ते आवास वर्ग में निवेश करने के लिए निजी क्षेत्र को आठ विकल्प दिए गए हैं।

पहले दो विकल्प में बैंक ऋणों पर ब्ज़्याज सब्सिडी के रूप में प्रति मकान लगभग 2.50 लाख रुपये की केन्ज़्द्रीय सहायता देना शामिल है।

दूसरे विकल्प के तहत अगर लाभार्थी बैंक से ऋण नहीं लेना चाहता है तो निजी भूमि पर बनने वाले प्रत्ज़्येक मकान पर डेढ़ लाख रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी।

अन्य छह विकल्प में सरकारी भूमि पर निजी निवेश के जरिये सस्ते आवास को बढ़ावा देने से संबंधित हैं।

पहले विकल्प में सरकारी भूमि पर कम से कम लागत में निजी निर्माण कंपनियों से सस्ते आवास बनवाना है।

दूसरे विकल्प में सरकारी भूखंड को निजी कंपनियों को दिया जाएगा और व्यावसायिक एवं आवासीय भवनों का निर्माण होगा।

आवासीय भवनों पर सब्सिडी दी जाएगी। तीसरे विकल्प में आवास की लागत पर निजी कंपनी को भुगतान किया जाएगा।

चौथे विकल्प में भवन निर्माण कंपनी को आंशिक लागत का भुगतान किया जा सकता है।

पांचवें विकल्प में निर्माण कंपनी खरीददार से लागत वसूल करेंगी लेकिन भूमि का आवंटन लागत के आधार पर होगा।

छठें विकल्प में सरकारी भूमि पर निर्मित आवासों से प्राप्ज़्त किराये से कंपनी अपनी लागत वसूल करेगी।

जमीन के बेहतर उपयोग की समीक्षा

सूत्रों ने बताया कि 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 53 शहरों और राज्यों की राजधानियों में मौजूद भूमि का बेहतर उपयोग करने के लिए समीक्षा की जा रही है जिससे सस्ते आवासों के निर्माण के लिए अधिक से अधिक भूमि मिल सके।

भवन निर्माण योजनाओं और निर्माण अनुमतियों के लिए समयबद्ध मंजूरी की ऑनलाइन व्यवस्था मुंबई और दिल्ली में की जा चुकी है।

इसी तरह की व्यवस्था जल्द ही 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 53 शहरों में भी की जाएगी। इसके अलावा  Pradhan Mantri  आवास योजना में आदर्श किरायेदारी अधिनियम और राष्ट्रीय मकान किराया नीति की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
-एजेंसी

The post Pradhan Mantri आवास योजना-शहरी में भारी बदलाव, लक्ष्य हासिल करने को सरकार ने कसी कमर appeared first on Legend News: Hindi News, News in Hindi , Hindi News Website,हिन्‍दी समाचार , Politics News - Bollywood News, Cover Story hindi headlines,entertainment news.

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad