
1988 में भारत के उस वक्त के पीएम राजीव गांधी ने चीन का दौरा किया था, जिससे रिश्तों पर जमी बर्फ पिघल गई थी, दोनों देशों के बीच फिर से दोस्ती शुरू होने और संबंधों को आगे बढ़ाने में राजीव के दौरे का बहुत अहम योगदान था। डोकलाम से बिगड़े और फिर बनते दिख रहे बाइलैट्रल रिश्तों के बीच चीन के एक पूर्व डिप्लोमैट ने यह कमेंट किया है।
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