फिर कोई ज़ख़्म मिलेगा, तैयार रह ऐ दिल,
कुछ लोग फिर पेश आ रहे हैं, बहुत प्यार से।
इतनी करुंगा मुहब्बत के तू खुद कहेगी,
देखो वो मेरा आशिक़ जा रहा है।
जिद, जुनून, जिंदगी, जिंदादिली तुम्हीं से है,
तुम नहीं तो शब्द शब्द मायने बदल गए।
कभी कभी पहली नजर कुछ ऐसे रिश्ते बना लेती है,
जो आखिरी सासँ तक छुड़ाने से नहीं छूटती।
मौत से कहना कि हमसे नाराजगी खत्म कर ले,
वो लोग बदल गये जिनके लिये हम जिया करते थे।
कोई आदत, कोई बात, या सिर्फ मेरी खामोशी,
कभी तो, कुछ तो, उसे भी याद आता होगा।
किसी और तरीके से भी मिल जाती है क्या मोहब्बत ,
मुझे तो दुआओं के आगे कुछ भो नही आता।
टूटे हुए सपनो और रूठे हुए अपनों ने उदास कर दिया,
वरना लोग हमसे मुस्कराने का राज पुछा करते थे।
दुआ कौनसी थी हमें याद नही, बस इतना याद है की,
दो हथेलिया जुडी थी एक तेरी थी एक मेरी थी।
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी, आरजू करना,
जिसे मोहब्बत, की कद्र ना हो उसे दुआओ, मे क्या मांगना।
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