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Thursday 9 November 2017

वरिष्‍ठ पत्रकार चंचल को ज़मानत मिली, कल 35 साल पुराने एक मामले में किए गए थे गिरफ्तार

जौनपुर। 35 साल पुराने एक मामले में तत्कालीन अतिरिक्त एसडीएम तिलकधारी गौड़ को अपशब्द कहने और सरकारी काम में बांधा पहुंचाने के आरोप में जेल भेजे गए बीएचयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष चंचल सिंह को गुरुवार को जमानत मिल गई।

35 साल पहले आईपीसी की धारा 353 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी और यह धारा उस समय जमानती थी लेकिन वर्तमान समय में यह धारा अजमानती हो गई है। कोर्ट द्वारा वारंट जारी हुआ था जिसमें पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। जहां न्यायिक हिरासत में उन्हें जेल भेज दिया गया था, बाद में जमानत मंजूर हो गई।

श्री चंचल सिंह बीएचयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष, कांग्रेसी नेता और वरिष्ठ पत्रकार रहे हैं।श्री सिंह को बदलापुर पुलिस ने कल बुधवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां एसीजेएम पंचम के कोर्ट ने वारंट रिकॉल न होने के कारण उन्हें जेल भेज दिया था।

आज गुरुवार को इस मामले की फिर सुनवाई होने पर कोर्ट ने चंचल सिंह को 30-30 हजार रुपये के दो जमानत बंधपत्र देने पर जमानत की मंजूरी दे दी।

अपशब्द कहने पर गिरफ्तारी
जिस मामले में बीएचयू के पूर्वछात्रसंघ अध्यक्ष चंचल सिंह की गिरफ्तारी हुई वह 2 मार्च 1982 का है। जब तत्कालीन एसडीएम बदलापुर एम. तिलकधारी गौड़ ने बदलापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि चंचल सिंह पुत्र चंद्रपाल सिंह निवासी उरालाल थाना बदलापुर जिला जौनपुर ने महराजगंज ब्लाक के कार्यालय में बिना किसी वजह व सूचना के प्रवेश किए और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाते हुए कोई भी कार्य होने नहीं दिया।

जिस पर मुकदमा अपराध संख्या 66/82 धारा 353 आईपीसी दर्ज हुआ था। शुरुआती दौर में चंचल सिंह ने अपनी जमानत कोर्ट से करा ली थी। बाद में उन्होंने कानूनी प्रक्रिया में शामिल होना छोड़ दिया था जिसके चलते उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। इसके चलते ही बदलापुर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था जहां कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया।

चंचल सिंह के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत सिंह ने बताया कि बीएचयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष, कांग्रेसी वरिष्ठ नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार चंचल सिंह की फाइल अलग कर दी गयी थी।

खुद चंचल ने जो लिखा इस बारे में पढ़ें, कल जौनपुर की अदालत में पुकार होगा- 

स्टेट बनाम चंचल हाजिर हों और हम अपने वकील दोस्त के साथ अदालत में हाजिर होंगे। मुकदमा है दफा 353 की। सरकारी कामकाज में रुकावट, बल प्रयोग, हत्या का कोशिश वगैरह वगैरह। जिस वक्त पुलिस ने यह गैर जमानती वारंट ‘ तामील ‘ कराई हम पलट कर पहुंच गए  मौका ये वारदात पर। यह वाकया 1978 का  है। हम अपने बाजार महराजगंज जो कि ब्लॉक का मुख्य दफ्तर भी है वहां बैठे चाय पी रहे थे। इतने में हमारे एक परिचित भारत यादव रोनी सूरत लेकर नमूदार हुए। हमने वजह पूछी तो लगे रोने और जो किस्सा सुनाया वह ज्यादती वाला था। उन दिनों सूबे में सीमेंट की किल्लत थी, और उसका परमिट मिलता था जिसे कोई मजिस्ट्रेट ही दे सकता था। एक छोटे कलेक्टर जनाब टीडी गौड़ साहब ब्लॉक का मुआयना करने आये थे। उनके सामने भारत यादव ने चार बोरी सीमेंट की दरख़ास्त दिया। बस गौड़ साहब हत्थे से उखड़ गए और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लट्ठमार भाषा मे दो चार गालियां भी दे गया। हम उन दिनों बनारस विश्वविद्यालय  छात्र संघ के अध्यक्ष थे वाजिब था कि हम भिड़ते। बात-बात में बतकही गर्म हो हो गई। एक कलेक्टर के लिए यह ज्यादा था। तब तक कलेक्टर को नहीं मालूम था कि हम ओहदा भी रखते हैं। बहरहाल थाने में हम दोनों एक दूसरे से अच्छी तरह मिल कर बात को रफा-दफा कर गए। लेकिन पुलिस पुलिस होती है, उसने अपने बचाव के लिए मुकदमा दर्ज कर दिया। चालीस साल बाद हम अदालत में हाजिर होने जा रहे हैं। अगर जमानत न हुई और जेल जाना पड़ा तो जमानत बाद फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अलविदा। शुक्रिया  सरकार ।।

एक-दो बार रिकॉल हुआ था लेकिन वह महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए हमेशा जिले से बाहर रहते थे जिसके चलते उनका वारंट तामिल नहीं कराया जा सका था। वह पूर्व रक्षामंत्री जार्ज फर्नाडिस के सलाहकार भी रह चुके है। इन दिनों वह घर पर ही रहकर सोशल वर्कर के रुप में गांव के गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने का कार्य कर रहे है।

राजनीतिक क्षेत्र में भी उनका एक अलग मुकाम है और उनकी कांग्रेस में एक अच्छी छवि है। उन्होंने बताया कि जब यह घटना हुई थी तो आईपीसी की धारा 353 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी और यह धारा उस समय जमानती थी लेकिन वर्तमान समय में यह धारा अजमानती हो गई है। कोर्ट द्वारा वारंट जारी हुआ था जिसमें पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। जहां न्यायिक हिरासत में उन्हें जेल भेज दिया गया था, बाद में जमानत मंजूर हो गई।

-एजेंसी

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