Bal Diwas Poems In Hindi | बाल दिवस पर कविताएं | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Thursday 9 November 2017

Bal Diwas Poems In Hindi | बाल दिवस पर कविताएं

Bal Diwas Poems In Hindi | Children’s Day Poem | बाल दिवस पर कविताएं

Bal Diwas Poems in Hindi, Children's Day Poem

*****

बाल-दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल ।
जगह-जगह पर मची हुई खुशियों की रेलमपेल ।

बरस-गांठ चाचा नेहरू की फिर आई है आज,
उन जैसे नेता पर सारे भारत को है नाज ।
वह दिल से भोले थे इतने, जितने हम नादान,
बूढ़े होने पर भी मन से वे थे सदा जवान ।
हम उनसे सीखे मुसकाना, सारे संकट झेल ।

हम सब मिलकर क्यों न रचाए ऐसा सुख संसार
भाई-भाई जहां सभी हों, रहे छलकता प्यार ।
नही घृणा हो किसी हृदय में, नहीं द्वेष का वास,
आँखों में आँसू न कहीं हों, हो अधरों पर हास ।
झगडे नही परस्पर कोई, हो आपस में मेल ।

पडे जरूरत अगर, पहन ले हम वीरों का वेश,
प्राणों से भी बढ़कर प्यारा हमको रहे स्वदेश ।
मातृभूमि की आजादी हित हो जाएं बलिदान,
मिट्टी मे मिलकर भी माँ की रक्खें ऊंची शान ।
दुश्मन के दिल को दहला दें, डाल नाक-नकेल ।
बाल दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल ।

मनोहर प्रभाकर

*****

कितनी प्यारी दुनिया इनकी,
कितनी मृदु मुस्कान।
बच्चों के मन में बसते हैं,
सदा, स्वयं भगवान।

एक बार नेहरू चाचा ने,
बच्चों को दुलराया।
किलकारी भर हंसा जोर से,
जैसे हाथ उठाया।

नेहरूजी भी उसी तरह,
बच्चे-सा बन करके।
रहे खिलाते बड़ी देर तक
जैसे खुद खो करके।

बच्चों में दिखता भारत का,
उज्ज्वल स्वर्ण विहान।
बच्चे मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।

बच्चे यदि संस्कार पा गए,
देश सबल यह होगा।
बच्चों की प्रश्नावलियों से,
हर सवाल हल होगा।

बच्चे गा सकते हैं जग में,
अपना गौरव गान।
बच्चे के मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।

*****

चाचा नेहरु का बच्चो से है बहुत पुराना नाता
जन्मदिन चाचा नेहरु का बाल दिवस कहलाता

चाचा नेहरु ने देखे थे नवभारत के सपने
उस सपने को पूरा कर सकते है उनके अपने बच्चे

बाल दिवस के दिन हम सभी बच्चे मिलकर गीत ख़ुशी के गायेगें
चाचा नेहरु के चरणों में फूल मालाये चढ़ायेगें!

शालाओं में भी होते है नये नये आयोजन
जिसको देख कर आनंदित होते है हम बच्चो के तन मन

बाल दिवस के इस पवन पर्व पर एक शपथ ये खाओ
ऊँच नीच का भेद भूलकर सबको गले लगाओ!

*****

अल्लाह, ईसा और ईश्वर
गुरुनानक का रूप है इनमें
कच्ची मिट्टी जैसे होते
सच्चाई की धूप है इनमें।

जिस घर, आंगन नहीं है बचपन
फुलवा भी वहां नहीं महकते
चाहे बने हो कई घोंसले
नन्हे पंछी नहीं चहकते
अल्लाह, ईसा और ईश्वर
गुरुनानक का रूप है इनमें।

कहने को तो, ये सब बच्चे
लेकिन ये सब, सपन सलोने
आगे जाकर बने सहारा
आज यही, हम सबके खिलौने
अल्लाह, ईसा और ईश्वर
गुरुनानक का रूप है इनमें।

बचपन की है बात निराली
बचपन की है छाप निराली
ऐसा कर दें सबका बचपन
हर दिन होली, रात दिवाली
अल्लाह, ईसा और ईश्वर
गुरुनानक का रूप है इनमें।

बाल दिवस पर कसम उठाएं
हर बच्चे में, ईश जगाएं
यही कामना बाल दिवस पर
संस्कार हर रूप हो, इनमें।
अल्लाह, ईसा और ईश्वर
गुरुनानक का रूप है इनमें।
कच्ची मिट्टी जैसे होते

*****

यह भी पढ़े-

Loading...

The post Bal Diwas Poems In Hindi | बाल दिवस पर कविताएं appeared first on Ajab Gjab | Hindi.

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad