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Thursday 9 November 2017

ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर Civil Society ऑफ़ आगरा की याचिका हाईकोर्ट ने स्‍वीकारी

आगरा। जेवर में ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बनाए जाने को लेकर Civil Society आगरा की चुनौती याचिका हाईकोर्ट ने स्‍वीकार कर ली है।

जेवर में ताज इंटर नेशनल एयरपोर्ट बनाये जाने को Civil Society आगरा की चुनौती याचिका स्‍वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने यमुना एक्‍सप्रेसवे इंडस्‍ट्रियल अथारिटी से जमीन खरीदने का विवरण भी तलब किया है।

मुख्‍य न्‍यायाधीश कोर्ट ने ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से जैबर (गौतम बुद्ध नगर जनपद)में प्रस्‍तावित ग्रीनफील्‍ड प्रोजेक्ट को सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय में चुनौती दी है।

इस संबंध में सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सोसायटी आगरा में इंटरनेशनल फंक्शनल एयरपोर्ट के लिये हर संभव प्रयास करेगी।

याचिका में सिविल सोसायटी की ओर से  भारत सरकार के नागरिक उडडयन सचिव, मुख्‍य सचिव उप्र शासन, डायरैक्‍टर जनरल( सिविल एवियेशन) उप्र सरकार,चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव यमुना एक्‍सप्रेस इंडस्‍ट्रियल डव्‍लपमेंट अथार्टी ,गौतमबुद्धनगर, चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव एयरपार्टअथार्टी आफ इंडिया को पार्टी बनाया गया है।

सोसायटी की ओर से उसके जर्नल सैकेट्री अनिल शर्मा के द्वारा  दाखिल की गयी याचिका(WPIL-51312/2017) को चीफ जस्‍टिस न्यायमूर्ति डीबी भोंसले की अध्‍यक्षता वाली खंडपीठ ने स्‍वीकार कर उप्र सरकार से एयर पोर्ट प्रोजैक्‍ट के लिये  जरूरी जमीन की उपलब्‍धता के बारे में 15 दिन के भीतर साक्ष्‍य पेश करने को कहा है।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्‍टिस ने याचिका की सरगर्भिता पर गंभीरता जताते हुए याची के अधिवक्‍ता से कहा कि अपका क्‍लाइंट सिविल एवियेशन की नीतियों,और इसके विस्‍तार के लिये किये जा रहे प्रयासों के बारे में काफी कुछ जानते  हैं । उन्‍हें तो चुनाव लडकर नागरिक उडउयन मंत्री बनना चाहिये।

एयरपोर्ट अथार्टी के एडवोकेट ने कहा कि आगरा में बनने जा रहा सिविल एन्‍कलेव इंटरनेशनल एयरपोर्ट श्रेणी की सुविधाओं से संपन्‍न( International Airport category)  होगा।

यमुना एक्‍सप्रेस वे अथार्टी के एडवोकेट ने कहा कि इंटर नेशनल एयरपोर्ट के लिये जरूरी 2500एकड जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है । इस पर सुनवायी कर रही बैंच की ओर से अधिग्रहित की गयी जमीन के बारे में जब जानकारी मांगी गयी तो एडवोकेट के द्वारा कुछ भी  सटीकता से नहीं कहा जा सका । इस पर ।न्‍यामूर्ति ने  उन्‍हें दो सप्‍ताह का समुय दिया।

Civil Society ऑफ़ आगरा के एडवोकेट ने जैबर में ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाये जाने पर कडी प्रतिक्रिया करते हुए बैंच के समक्ष सवाल उठाया कि ”जैवर एयरपोर्ट” को बनाये जाने के प्राजैक्‍ट पर उप्र सरकार के 24 हजार करोड खर्च होंगे। यह राशि बहुत बडी है खास कर जब कि उप्र सरकार पहले से ही भारी वित्‍तीय तंगी के दौर में है। जब आगरा सिविल एन्‍कलेव अपने आप में इंटरनेशनल स्‍टैंडर्ड का होगा तब  जैबर में इतनी बडी राशि खर्च कर नये एयरपोर्ट बनाये जाने का औचित्‍य ही कहा रहता है।

सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के एडवोकेट अकलंक कुमार जैन के द्वारा दायर की गयी इस याचिका में जैबर में एयरपोर्ट बनाये जाने के लिये अधिग्रहित किये जाने को प्रस्‍तावित जमीन को लेकर भी न्‍ययालय के संज्ञान में यह जानकारी लाये जाने का प्रयास किया कि 23 गांवो में स्‍थित इस जमीन पर तीन फसले होती है और बेहद उपजाऊ है।

यही नहीं जमीन के अधिग्रहण करने पर अपर गंगा नहर के सिंचाई तंत्र का भाग आठ किमी नहरों को भी खुर्द बुर्द करना होगा । जब कि सामान्‍य तौर पर केवल असिचत और ऊसर  श्रेणी की जमीन ही गैर कृषि कार्य के लिये अधिग्रहित की जाने की परंपरा है।
Civil Society ऑफ़ आगरा के पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सोसायटी आगरा में इंटरनेशनल फंक्शनल एयरपोर्ट के लिये हर संभव प्रयास करेगी।

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