22 वर्षों से जीत रही भाजपा को पराजय का भय कभी भी नहीं था। किन्तु औसतन 114 से 121 सीटों से गिरकर वह 99 के फेर में आ जाएगी, ऐसा आश्चर्यजनक है। गुजरातियों ने चुना। किन्तु चेतावनी देकर। और कांग्रेस को विकल्प नहीं माना। भाजपा संगठन पर अब मोदी बहुत सख़्त होंगे। क्योंकि छोटी जीत उन्हें स्वीकार्य नहीं है। बड़ी जीत की आदत पड़ चुकी है।
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