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Sunday 17 December 2017

निरंकारी संत समागम में धन निरंकार के उद्घोष से गूंजा वृन्दावन

ब्रजवासियों को मिला प्रभु साक्षात्कार का तोहफा
निरंकारी संत समागम की ओर बढ़े हजारों कदम

मथुरा। निरंकारी भक्तों के लिए रविवार ‘‘निराकार प्रभु‘‘ और ‘‘साकार सद्गुरू‘‘ के शुकराने का दिन रहा। निरंकारी सद्गुरू माता सविन्दर हरदेव जी महाराज ने वृन्दावन नगरी में ब्रह्मज्ञान की सौगात देकर भ्रम समाप्त किये और प्यार को बढ़ाने की सीख दी।
रविवार को एन.एच.2, छटीकरा-वृन्दावन रोड स्थित मां वैष्णों देवी मंदिर के सामने का मैदान सद्गुरू और भक्तों के मिलन का साक्षी बना। जहां जाति-धर्म, अमीर-गरीब के भेद से परे हर आम-ओ-खास एक ही मंच पर एकत्रित थे।

मौका था निरंकारी संत समागम का जहां हर तबके से जुड़े श्रद्वालु थे। सभी में सामाजिक विभिन्नता के वावजुद एकरसता की झलक दिख रही थी।

उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए निरंकारी माता सविन्दर हरदेव जी महाराज ने कहा कि सबको प्रभु ज्ञान की रोशनी में लाएं और प्यार फैलाएं।

सद्गुरू माता जी ने प्रीत, प्यार, नम्रता, विशालता, सहनशीलता और एकत्व वाली शिक्षा को अपनाने की सीख देते हुए कहा कि गुरुमत के गुण धारण कर हम अपने जीवन को खुबसूरत और आनंदमय बनाएं।

उन्होंने कहा कि दूसरों को समझाने से पहले अपने स्वभाव को जरूर जांचें।
सद्गुरू माता जी ने कहा कि प्रभु ज्ञान की रोशनी अपने अंदर लाएं और दुनियां के कौने-कौने में रोशनी का आनंद प्रदान करें।

दूर-दराज से एकत्रित हुए भक्त
सद्गुरू और भक्तों के मिलन की घड़ी नजदीक आते ही , निरंकारी भक्तों का उत्साह दोगुना हो गया । भारतीय संस्कृति में सद्गुरू को भगवान से भी बड़ा स्थान प्राप्त है । तभी तो भक्त एडवांस में ही एकत्रित होना शुरू हो गए।
आगरा मंडल और उत्तर प्रदेश के अनेक नगरों सहित राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा तथा दिल्ली आदि स्थानों से पधारे हुए हजारों भक्तों में गजब का उत्साह था। भक्तों का हर कदम संत समागम की ओर बढ़ता देखा गया। सद्गुरू माता सविन्दर जी के दीदार हेतु हर भक्त के चेहरे पर उमंग, उत्साह और उल्लास स्पष्ट दिखाई दे रहा था।

सद्गुरू माता जी के आते ही गूंजे जयकारे

समागम स्थल पर सद्गुरू माता सविन्दर हरदेव जी महाराज के आते ही भक्तों के चेहरे खिल गये, हर हृदय झूम उठा। वातावरण ‘‘सद्गुरू माता जी‘‘ और ‘‘धन निरंकार‘‘ के जयकारे से गूंज उठा।

अनुशासित रहा वातावरण

सद्गुरू माता सविन्दर हरदेव जी महाराज के सान्निध्य में हुए सन्त समागम का माहौल शान्त एवं शालीन रहा। हजारों की संख्या के बावजूद हर भक्त अनुशासित आचरण प्रस्तुत कर रहा था। सभी भक्त ‘‘एकत्व में सद्भाव‘‘ का सन्देश देते दिखे।

किया अभिवादन पाया आशीर्वाद

यूं तो निरंकारी भक्त सद्गुरू के दर्शन दिल्ली जाकर कर लेते हैं किन्तु अपने ही शहर मथुरा में माता सविन्दर जी के सानिध्य में विशाल सन्त समागम के आनन्द का सुनहरा अवसर ब्रज के भक्तों को पहली बार मिला, तभी तो अपने सद्गुरू को करीब पाकर हर हृदय गद्गद हो रहा था। कोई चूकना नहीं चाहता था इस सुनहरे अवसर को, यही कारण था कि लम्बी कतारों में पंक्तिबद्ध होकर पारम्परिक अभिवादन ‘‘नमस्कार‘‘ कर, हर कोई सद्गुरू माता जी का अशीर्वाद पाने को लालायित दिखा। माता सविन्दर जी का आशीर्वाद लेने वालों में कई विशिष्टजन भी थे। राजनैतिक, सामाजिक तथा प्रशासनिक हस्तियों ने भी शिरकत की।

छाया रहा निरंकारी सेवादल

सन्त समागम की हर गतिविधि में सन्त निरंकारी सेवादल की लगभग 15 यूनिटांे का सहयोग रहा। प्याऊ, लंगर, कैन्टीन, विश्राम, खोया-पाया, प्रकाशन, पार्किग-यातायात व्यवस्था सेवादल ने स्वयं संभाल रखी थी। पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के बावजूद निरंकारी सेवादार सुरक्षा-व्यवस्था में समर्पित भाव से जुटे रहे।

…जब झुके सर इक-दूजे के चरणों में

सन्त समागम पर निरंकारी भक्तों के मिलन पर उनके अभिवादन का दृश्य बरबस अपनी ओर अकर्षित कर रहा था क्योंकि वह भक्त एक दूसरे के चरण छूकर और मुख से ‘‘धन निरंकार‘‘ कहते हुए अभिवादन कर रहे थे। युवा प्रचारक किशोर ‘स्वर्ण‘ ने बताया कि निरंकारी भक्त जब भी आपस में मिलते हैं एक दूसरे के चरण स्पर्श कर अभिवादन करते हैं क्योंकि उन्हें सद्गुरू द्वारा यह ज्ञात हो चुका है कि ‘‘एक ज्योति है सब के अन्दर, नर है चाहे नारी है, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, हरिजन, प्रभु की रचना सारी है‘‘ साथ ही एक-दूसरे के चरणों में झुकने से अभिमान से भी बचते हैं।

गूंजे भजन, बही ज्ञान रसधारा
निरंकारी सन्त समागम का मुख्य आकर्षण आध्यात्मिक सत्संग रहा जिसका शुभारम्भ ‘‘गुरू वाणी-अवतार वाणी‘‘ से हुआ। इसमें विभिन्न स्थानों से पधारे विद्वान वक्ताओं ने ‘‘सद्गुरू से परमात्मा के साक्षात्कार करने‘‘ का मशवरा दिया वहीं प्रसिद्ध गीतकार, कलाकार-भक्तों ने प्रेरणादायक भजन एवं कविताएं प्रस्तुत कीं। अन्तिम भाग में सद्गुरू माता सविन्दर हरदेव जी महाराज ने मानव कल्याणार्थ सन्देश दिया।

इनका रहा सहयोग

समागम की सफलता में ओपी अरोड़ा, रधुनंदन सर्राफ, विनोद अरोड़ा, अंकित त्रिपाठी, विकास, हरिनारायण अग्रवाल, मुन्ना, दारासिंह, खेमचंद, मूलचंद कर्दम, भगवती प्रसाद, संतोष, मोहनसिंह, अशोक, योगेश, प्रवक्ता किशोर ‘‘स्वर्ण‘‘ आदि का सहयोग रहा। समागम में उपस्थित सन्त-भक्तों का स्वागत जोनल इन्चार्ज श्रीमती कांता मेहन्द्रु ने किया तथा जिला संयोजक श्री हरविन्द्र कुमार ने समागम की सफलता में सहयोग करने वालों एवं आये हुऐ भक्तों का आभार व्यक्त किया।

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