कानपुर। Leather Sector को केंद्र सरकार ने 2600 करोड़ रुपए के भारी भरकम पैकेज का तोहफा दिया है, जो लेदर इंडस्ट्री के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा पैकेज है। इस रकम से तमाम चुनौतियों से जूझ रहे सेक्टर को भारी राहत मिलेगी। इस सौगात के लिए चर्म निर्यात परिषद (सीएलई) के चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए इससे होने वाले फायदे गिनाए।
सीएलई मुख्यालय में चेयरमैन मुख्तारुल अमीन, रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल, किंग्स इंटरनेशनल के चेयरमैन ताज आलम और असद इराकी ने पैकेज को लेकर तमाम जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि करीब 3.5 लाख नई नौकरियों के मौके बनेंगे। फिलहाल इस समय करीब 30 लाख लोग सीधे तौर पर इस सेक्टर से जुड़े हैं। पैकेज में टैक्स और नॉन-टैक्स दोनों तरह के लाभ शामिल हैं। इसके पहले नवंबर में राहत पैकेज मिलने की उम्मीद थी लेकिन तब फैसला टल गया था।
Leather Sector पर किया फोकस
पैकेज में लेदर इंडस्ट्री से जुड़े हर सेक्टर के विकास की तैयारी की गई है। पूरा पैकेज इस तरह से डिजायन किया गया है कि नए रोजगार पैदा होने के साथ-साथ नए उद्यमी भी निकलेंगे। 2600 करोड़ रुपए को सात हिस्सों में विभाजित किया गया है। इस पैकेज को लेकर सरकार की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 12 साल में लेदर सेक्टर को कुल 1545 करोड़ रुपए का पैकेज मिला है, जबकि 2017 में तीन साल के लिए 2600 करोड़ रुपए सेक्टर को मिलेंगे।
Leather Sector इंडस्ट्री को फायदा
सीएलई चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि रमईपुर लेदर क्लस्टर की योजना तेजी से परवान चढ़ेगी। कानपुर की टेनरियों का आधुनिकीकरण होगा। नई इकाइयों की लागत घटेगी। तीनों कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट अपग्रेड होंगे, जिससे प्रदूषण के आरोपों से मुक्ति मिलेगी। कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में मदद मिलेगी। नए रोजगार पैदा होंगे।
चीन के बाद बांग्लादेश की चुनौती
भारतीय लेदर सेक्टर को सबसे बड़ी चुनौती चीन से मिल रही है. चीन कीमतों के मामले में भारतीय लेदर मैन्युफैक्चरर्स पर भारी पड़ रहा है. आपको बता दें कि अक्तूबर महीने में लेदर एंड लेदर प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट्स 9 फीसदी गिरकर 36.924 करोड़ डॉलर रहा। सिंथेटिक लेदर से बने प्रोडक्ट में घरेलू इंडस्ट्रीज का दबदबा है। देश में कुल लेदर मैन्युफैक्चरिंग का 90 फीसदी प्रोडक्ट सिंथेटिक लेदर से बनते है।
मानव संसाधन विकास : (690 करोड़ रुपए)
इसके तहत बेरोजगार लोगों के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाया जाएगा। लेदर इंडस्ट्री श्रम आधारित है और शिक्षित से ज्यादा कुशल कामगारों की मांग है। इसमें कुशल कामगार बनाने पर 15 हजार रुपए प्रति व्यक्ति, कर्मचारी को प्रशिक्षित करने पर 5 हजार रुपए प्रति कर्मचारी और ट्रेनरों के प्रशिक्षण पर दो लाख रुपए दिए जाएंगे। स्किल डेवलपमेंट स्कूल से निकले 75 फीसदी लोगों को रोजगार देना होगा। इस योजना में करीब 4.32 लाख नए कुशल कर्मचारी और 150 मास्टर ट्रेनरों को तैयार करने का लक्ष्य है।
इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ लेदर क्लस्टर : (425 करोड़ रुपए)
इसके तहत अपग्रेड करने वाले कारोबारियों को ग्रांट मिलेगी। मशीनरी की खरीद पर 30 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। पहले अधिकतम सब्सिडी सीमा 2 करोड़ रुपए थी, इसे खत्म कर असीमित कर दिया गया है। सब्सिडी को रोजगार के पैमाने से जोड़ा गया है। यानी छह महीने में आपने टेक्नोलाजी अपग्रेड करके कितने लोगों को रोजगार दिया है,ये बताना होगा तभी सब्सिडी खाते में आएगी।
मेगा लेदर क्लस्टर (360 करोड़ रुपए)
कानपुर के अलावा हरियाणा, कोलकाता और दक्षिण भारत में लेदर क्लस्टर को सहमति मिल चुकी है। खास बात ये है कि अब लेदर क्लस्टर का विकास यूपीएसआईडीसी भी कर सकेगा। अब तक क्लस्टर के लिए उद्यमियों को खुद जमीन तलाश कर खरीदना पड़ती थी।
इनोवेशन और टेक्नोलॉजी स्कीम : (782 करोड़ रुपए)
इस योजना के तहत पहले 50 फीसदी सब्सिडी मिलती थी। अब इसे बढ़ाकर 70 फीसदी कर दिया गया है। पहले कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट (सीटीपी) लगाने पर ही सब्सिडी मिलती थी। अब निजी सीटीपी लगाने पर भी सब्सिडी मिलेगी।
संस्थानों में सुविधाओं की अवस्थापना : ( 147 करोड़)
इसके तहत सेंटर फार एक्सीलेंस बनाए जाएंगे। नए रोजगार का सृजन किया जाएगा और युवाओं को रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा। इससे सबसे ज्यादा फायदा फुटवियर डिजाइन और डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एफडीडीआई) को मिलेगा।
इंटरनेशनल ब्रांड के रूप में स्थापित करना : (90 करोड़)
भारतीय लेदर ब्रांड को इंटरनेशनल ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए पहली बार आर्थिक मदद का प्रावधान किया गया है। किसी भी इंडस्ट्री में इस तरह की ये पहल की गई है। इसके तहत 10 करोड़ रुपए प्रति कंपनी सब्सिडी तीन साल में मिलेगी। यानी अगर किसी कंपनी ने अपने ब्रांड को इंटरनेशनल ब्रांड में स्थापित करने पर 20 करोड़ खर्च किया गया है तो उसका आधा सरकार देगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ से कम नहीं होना चाहिए।
अतिरिक्त रोजगार सृजन : ( 100 करोड़ रुपए)
इसके तहत Leather Sector में अतिरिक्त रोजगार देने पर आने वाले पीएफ अंशदान का भार सरकार उठाएगी।
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