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Thursday, 11 January 2018

2 Line Shayari Collection #181

जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।


होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था,
सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था।
हमारी चर्चा छोडो दोस्तों, हम ऐसे लोग है जिन्हें,
नफरत कुछ नहीं कहती और मोहब्बत मार डालती है।
बहुत कमजोर निकला तु तो ए दिल,
और तुझे लेकर मैं दुनिया संभालने निकला था।
किस किस से वफ़ा के वादे कर रखे हैं तूने,
हर रोज़ एक नया शख्स मुझसे तेरा नाम पूछता है।
मुझे किसी के बदल जाने का कोई गम नही,
बस कोई था जिससे ये उम्मीद नही थी।
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,
जब भीग कर कहती है की अब रोया नहीं जाता।
तारे और इंसान में कोई फर्क नहीं होता,
दोनो ही किसी की ख़ुशी के लिऐ खुद को तोड़ लेते हैं।
अपनी रातें उनके लिए ख़राब करना छोड़ दो दोस्तों,
जिनको ये भी परवाह नहीं की तुम सुबह उठोगे भी या नहीं।
खूबसूरती का तो हर कोई आशिक होता है,
किसी को खूबसूरत बनाकर इश्क किया जाय तो क्या बात है।

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