
राजपूत नेताओं और अन्य संगठनों के विरोध को देखते हुए इसका पर्दे पर उतरना आसान नहीं है। फिल्म में किए गए पांच बदलाव वही हैं, जो 28 दिसंबर को बुलाई गई विशेषज्ञों की रिव्यू कमेटी ने लिए थे। कमेटी में शामिल मेवाड़ पूर्व राजघराने के अरविंद सिंह ने उसी समय आपत्ति जता दी थी कि फिल्म को रिलीज नहीं किया जाए। इनका आरोप था कि सेंसर बोर्ड ने नाम बदलने सहित अन्य बदलाव कर इसे खुद ही रिलीज करने का फैसला ले लिया।
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