स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने कई कस्टमर्स को राहत देते हुए बेस रेट में कटौती की है। SBI ने 30 बेसिक पॉइंट्स में कटौती करते हुए इसे 8.65 प्रतिशत कर दिया है। इस वक्त SBI का बेस रेट बाकी सभी बैंकों के मुकाबले सबसे कम है। बेस रेट के कम होने का सीधा फायदा बैंक से पढ़ाई के लिए कर्ज लेने वाले छात्रों और होम लोन लेने वाले लोगों को होगा। SBI से कर्ज लेने वाले आधे से ज्यादा लोग इसी तरह के हैं। बाकी लोग MCLR की तरफ चले गए हैं।
बता दें कि इससे पहले 28 सितंबर को SBI ने बेस रेट को पांच बेसिस पॉइंट्स बढ़ाया था, वहीं उस वक्त आंध्र बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी दरों में गिरावट की थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक डाटा के मुताबिक दिसबंर 2014 और अक्टूबर 2016 (नोटबंदी से एक महीने पहले) बैंकों का बेस रेट औसतन 0.61 प्रतिशत कम हुआ है वहीं पॉलिसी रेट में 1.75 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
क्या है बेस रेट और MCLR?
बेस रेट : यह वह न्यूनतम दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन दे सकते हैं। रिजर्व बैंक यह निगरानी करता है कि कोई भी बेस रेट से कम पर किसी भी कस्टमर को लोन न दे पाए।
MCLR : ब्याज दर तय करने को लेकर रिजर्व बैंक ने 1 अप्रैल 2016 से MCLR की शुरुआत की। इससे पहले ब्याज दर बेस रेट के जरिए तय की जाती थीं। मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिग रेट के तहत बैंक ब्याज दर तय कर सकते हैं, यह दर लोन चुकाने के लिए कितने साल बाकी हैं उस पर भी निर्भर करेगी।
-एजेंसी
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