शरद पवार ने की किसानों को आरक्षण देने की पैरवी | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Tuesday 27 February 2018

शरद पवार ने की किसानों को आरक्षण देने की पैरवी


मुंबई। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने किसानों को आरक्षण देने की पैरवी की है। उन्होंने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि एनसीपी इस संबंध में केंद्र सरकार से मांग करेंगी।

मुंबई में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पवार ने उन मुद्दों पर सफाई दी, जिसमें मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा लिए गए साक्षात्कार में पवार द्वारा आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की बात को लेकर सियासत गरमा गई थी। पवार ने स्पष्ट किया कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। वे मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के समर्थक रहे हैं। महाराष्ट्र देश का पहला राज्य था, जिसने मंडल आयोग को स्वीकार किया था। उन दिनों वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। पवार ने कहा कि ओबीसी, एससी, एसटी के आरक्षण को ठेंस न पहुंचाते हुए आर्थिक, शिक्षा और सामाजिक स्तर पर पिछड़े वर्गों को अलग से आरक्षण देने पर विचार होना चाहिए।

पवार ने कहा कि विशेषज्ञों ने किसानों को आरक्षण देने का विकल्प सुझाया है। किसानों को आर्थिक, शिक्षा और सामाजिक स्तर पर आरक्षण दिया जाना चाहिए। किसानों में ओबीसी,एससी, एसटी के आधार पर आरक्षण तो मिलेगा ही, साथी उन अन्य वर्गों के किसानों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा जो शिक्षा, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। इस संबंध में एनसीपी किसानों को आरक्षण देने की मांग केंद्र सरकार से करेगी।

नोटबंदी को लेकर जिला बैंक जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
शरद पवार ने बताया कि नोंटबंदी के बाद आखिरीचरण में जिला सहकारी बैंकों के पैसे बदलकर नहीं दिए। जिला बैंकों के पास 112 करोड़ रुपए की पुरानी नोट पड़ी हुई है। इस मामले को लेकर जिला बैंक के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात कर मसले का हल निकालने का अनुरोध करेंगे। यदि पुरानी नोट नहीं बदली गई तो जिला बैंक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने अदालत में जिला बैंकों का पक्ष रखेंगे। पवार के मुताबिक नोटबंदी के बाद राष्ट्रीय और शेड्युल बैंकों के पास जमा हुई पुरानी 500 और 100 रुपए की नोट बदलकर दी गई। लेकिन जिला सहकारी बैंकों में जमा की गई पुरानी नोट नहीं बदली गई।

पवार ने कहा कि प्रदेश के पुणे, सांगली, कोल्हापुर, नाशिक, वर्धा, यवतमाल, अहमदनगर, अमरावती जैसे विभिन्न जिला बैंकों में 112 करोड़ रुपए की पुरानी नोट जमा है। जिला बैंकों को पत्र भेजा गया है कि पुरानी नोट अब स्वीकार नहीं की जाएगी। उन नोटों को नष्ट कर दिया जाए और बैंकों की बैलेंस सीट घाटा दिखाया जाए। यह राशि ग्रामीण इलाकों के गरीब जनता की है। इससे सामान्य जनता को नुकसान होगा। पवार ने कहा कि जिला बैंकों से लेनदेन करनेवाले नीरव मोदी नहीं हैं। पवार ने बताया कि जिला बैंकों का केस लड़ने के लिए पी.चिदंबरम से अनुरोध किया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। याद दिला दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस साफ कर चुके हैं कि रिजर्व बैंक ने जिला बैंकों की पुरानी नोट क्यों स्वीकार नहीं की इस संबंध में जिला बैंकों से पूछा जाए।

इस दौरान पवार ने 344 मराठी माध्यम स्कूलों को बंद करने के राज्य सरकार के फैसले की खिलाफत की है। पवार ने कहा कि एक भी मराठी स्कूल बंद करना महाराष्ट्र के हित में नहीं है। इधर शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े का कहना है कि जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम है, उन्हें करीबी स्कूल में शिफ्ट कर स्कूल की इमारत बंद की जाएगी।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad