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Wednesday 28 February 2018

खुशखबरी: होली का तोहफा, यूपी में बड़ी संख्या में दरोगा बने इंस्पेक्टर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात बड़ी संख्या में सब इंस्पेक्टर (दरोगा) प्रमोट होकर इंस्पेक्टर बन गए। इसके लिए डीजीपी कार्यालय की तरफ से होली का तोहफा देते हुए बुधवार को लिस्ट जारी कर दी। 2306 पदों पर सिर्फ 2227 दरोगाओं के इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन हुआ है।

बधाई देने वालों के घनघना रहे फोन
डीजीपी कार्यालय से जारी प्रमोशन लिस्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस उपनिरीक्षक और निरीक्षक नागरिक पुलिस सेवा नियमावली 2015 यथा संशोधित 2017 के नियम 5(2) (ख) में निहित निर्देशों के अंतर्गत अनुपयुक्त को अस्वीकार करते हुए जेष्ठता के आधार पर प्राधिकृत बोर्ड द्वारा उप निरीक्षक नागरिक पुलिस को निरीक्षक नागरिक पुलिस के पद पर पदोन्नति के लिए उपयुक्त पाया गया। इसके बाद पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा अनुमोदित किए जाने के फलस्वरुप इनके वर्तमान नियुक्ति के स्थान पर ही कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से निरीक्षक नागरिक पुलिस के पद पर पदोन्नति कर दी गई। पदोन्नति पाने के बाद दरोगाओं के इंस्पेक्टर बनते ही बधाइयों के फोन घनघनाने लगे। पूरे दिन बधाइयों का दौर चलता रहा। वहीं के घरों में लोगों का जमावड़ा लगा रहा और बधाई देने वाले लोग पहुंच रहे थे।

तबादला सूची में भारी संख्या में दरोगाओं का प्रमोशन हुआ इनमें हरदोई जिला के पिहानी कोतवाली प्रभारी श्याम बाबू शुक्ला, अतरौली थानाध्यक्ष दीनानाथ मिश्रा, कासिमपुर थानाध्यक्ष संजय मौर्या, बघौली के थाना प्रभारी अतुल कुमार श्रीवास्तव को होली का तोहफा मिल ये सभी इंस्पेक्टर बन गए।

इन पुलिसकर्मियों के कैरेक्टर रोल और बोर्ड पत्र पुलिस मुख्यालय ने शासन को भेज दिए थे इनकी डीपीसी भी हो चुकी है। पुलिस मुख्यालय को रिक्तियों के आधार पर 2306 दरोगाओं को प्रमोट करके इंस्पेक्टर बनाना था। इसमें 2001, 2005 और 2007 बैच के दरोगाओं को प्रमोशन पाने का मौका मिला था। 2306 पदों के सापेक्ष यूपी पुलिस में इन बैचों में कुल 3127 दरोगा दावेदार थे। कैरेक्टर रोल के आधार पर इनका प्रमोशन होना था।

करीब आठ सौ दरोगाओं का प्रमोशन रुका
पुलिस मुख्यालय ने सभी दरोगाओं का संबंधित जिले से कैरेक्टर रोल मंगाकर जांच भी की। इसके बाद आपराधिक मामले और विभागीय कार्रवाई में फंसे करीब सवा आठ सौ दरोगाओं की फाइल रुक गई है। कुछ दरोगाओं को सजा हो चुकी थी, जिसके कारण उनकी फाइल क्लोज कर दी गई। वहीं कुछ दरोगाओं को सजा मिलने पर उन्होंने उच्चाधिकारियों के यहां अपील की है, लेकिन अभी तक केस का निस्तारण नहीं हो सका है।

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