लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार कैलाश मानसरोवर व सिंधु यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए कृत संकल्पित है। जो प्रदेशवासी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर या सिंधु दर्शन के लिए जाना चाहेंगे, सरकार उनकी हर सम्भव सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक केन्द्र वास्तव में राष्ट्रीय एकता के केन्द्र हैं। तीर्थ यात्रा से राष्ट्रीयता की भावना मजबूत होती है। राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर जब लोग दूसरे राज्यों में तीर्थों के दर्शन को जाते हैं तो भारत माता के प्रति सम्पूर्ण समर्पण की भावना को प्रस्तुत करते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां कैलाश मानसरोवर एवं लद्दाख सिंधु दर्शन के दर्शनार्थियों को अनुदान वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर, सिंधु दर्शन, अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले नागरिकों के लिए जहां एक ओर गाजियाबाद में 94 करोड़ रुपए की लागत से कैलाश मानसरोवर भवन की स्थापना की जा रही है, वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड के चार धामों की यात्रा पर जाने वाले प्रदेशवासियों के लिए हरिद्वार व बद्रीनाथ में भी उत्तर प्रदेश भवन बनाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है।
इस अवसर पर योगी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा-2017 के 550 दर्शनार्थियों को 01-01 लाख रुपए के चेक प्रतीक स्वरूप प्रदान किए। उन्होंने 38 सिंधु दर्शन यात्रियों को भी 10-10 हजार रुपए के चेक प्रदान किए। उल्लेखनीय है कि कैलाश मानसरोवर तथा सिंधु दर्शन यात्रियों को उपलब्ध करायी जा रही राशि उनके बैंक खातों में सीधे पहुंचायी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैलाश मानसरोवर एक पावन धार्मिक स्थल है और अधिकांश श्रद्धालु इस पवित्र स्थान की यात्रा करना चाहते हैं। लेकिन दूसरे देश में स्थित होने के कारण प्रतिवर्ष यहां जाने वाले तीर्थ-यात्रियों की संख्या सीमित होती है। इसके साथ ही, कैलाश मानसरोवर की यात्रा काफी दुर्गम भी है। उन्होंने कैलाश मानसरोवर की यात्रा पूरी करके लौटने वालों को बधाई देते हुए कहा कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद उन्हें भगवान शंकर की तपोस्थली एवं निवास स्थान कैलाश मानसरोवर जाने का अवसर मिला।
योगी ने कहा कि इस यात्रा की कठिनाइयों को ध्यान में रखकर ही वर्तमान सरकार ने इस पावन धाम की यात्रा करने वाले प्रदेश के मूल निवासियों को दिए जाने वाले अनुदान की धनराशि को 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 01 लाख रुपए कर दिया ताकि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा नागरिक सुविधा के साथ इस पवित्र यात्रा को पूरा कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश के उन गिने-चुने राज्यों में शामिल है, जहां के निवासियों को इस यात्रा के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। यह पहला अवसर है जब भारत सरकार के माध्यम से कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ, प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को भी अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में तीर्थ यात्रा का काफी महत्व है। इन तीर्थ यात्राओं ने भारतीय संस्कृति को समृद्ध करने और देश की एकता को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
योगी ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले। उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक दृष्टि से सम्पन्न है। यहां पर अयोध्या, मथुरा, गंगा, यमुना, राम सर्किट, बौद्ध सर्किट और कृष्ण सर्किट मौजूद हैं। इन्हें विकसित किया जा रहा है ताकि हर भारतीय खुद को अपनी संस्कृति से जोड़ सके। उन्होंने कहा कि तीर्थ स्थल सिर्फ आध्यात्मिक या धार्मिक ऊर्जा के ही केन्द्र नहीं हैं। जिन्हें मंदिर या धाम कहा जाता है, वे वास्तव में भारतीय राष्ट्रीयता की एकता व अखण्डता के आधार स्तम्भ हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देकर बड़े पैमाने पर लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकता है। देश में पर्यटन से जुड़ी अधिकांश गतिविधियां धार्मिक स्थलों के भ्रमण एवं दर्शन से जुड़ी हैं। इसे ध्यान में रखकर वर्तमान राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है। उत्तर प्रदेश सदैव अपनी विशिष्ट संस्कृति एवं धार्मिक विविधताओं तथा परम्पराओं के कारण देशी एवं विदेशी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विशिष्टताओं के कारण ही हमारी सरकार, उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन बनाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अयोध्या, मथुरा-वृन्दावन, गोरखपुर, प्रयाग, नैमिषारण्य, वाराणसी, विन्ध्याचल आदि स्थलों के विकास की वृहद योजना तैयार कर उसे लागू कराया जा रहा है।
योगी ने कहा कि भगवान शंकर की नगरी काशी के विकास के लिए भी यह सरकार व्यापक स्तर पर काम कर रही है। वर्ष 2019 में तीर्थराज प्रयाग में त्रिवेणी के पावन संगम तट पर आयोजित होने वाले महाकुम्भ के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास युद्धस्तर पर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या तथा मथुरा-वृन्दावन को नगर निगम का दर्जा प्रदान किया गया है।
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