फैजाबाद। प्रभु श्रीराम और राम मन्दिर जाति धर्म का नहीं वरन भावना का मुद्दा है मन्दिर निर्माण रोंकने का प्रयास जनता सहन नहीं करेगी। राम मन्दिर मुद्दे का राजनीतिकरण हो गया है जो पूरी तरह अनुचित है। यह विचार धर्म सेना द्वारा आयोजित शाने अवध सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में संगठन के संरक्षक डा. एच.बी. सिंह ने व्यक्त किया। इस मौके पर धर्म सेना के संस्थापक संतोष दूबे भी मौजूद रहे।
संस्थापक संतोष दूबे ने कहा कि अयोध्या धाम में भव्य राम मन्दिर निर्माण के लिए तीन जून को अपरान्ह 12 बजे से श्यामा सदन श्रीराम घाट अयोध्या मंे धर्म सभा का आयोजन किया गया है। धर्म सभा द्वारा हिन्दूवादी, राष्ट्रवादी विचारकों, संगठनों, धर्माचार्यों के उद्बोधन के बाद पारित प्रस्ताव को प्रधानमंत्री को भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी और केन्द्र में मोदी सरकार है तो अयोध्या में भव्य राम मन्दिर निर्माण में देरी क्यों हो रही है?
उन्होने कहा कि 120 करोड़ राम भक्त हिन्दुओं ने भाजपा को सत्ता इसलिए सौंपी है कि उन्होंने पिछले 40 वर्षों से पूरे देश को स्वप्न दिखाया कि जब हम पूर्ण बहुमत से सत्ता में होंगे तो विधेयक लाकर अयोध्या धाम में भव्य राम मन्दिर का निर्माण करवायेंगे। उन्होंने कहा कि दुखद है कि चार वर्ष बीत जाने के बाद भी केन्द्र व प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है परन्तु राम लला टाट में उपेक्षित है। जिस सत्ता को पाने के लिए भाजपा ने सैकड़ो कारसेवकों का बलिदान करवाया उनको व्यर्थ नहीं जाने दिया जायेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता वेद राजपाल ने कहा कि हमसबको रामलला की उपेक्षा सहन नहीं है हम हरहाल में मन्दिर बनाके रहेंगे। संयज महेन्द्रा ने कहा कि दुर्भाग्य है कि केन्द्र में भाजपा की सत्ता होने के बावजूद मन्दिर निर्माण नहीं हो पा रहा है। मनीष पाण्डेय ने कहा कि राम मन्दिर के नाम पर सुलह समझौता हम नहीं चाहते चाहे वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा ही तय हो।
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