फतेहपुर। लेखपाल संघ ने लम्बित मांगों का निस्तारण न होने पर रोष जाहिर किया वहीं कलमबंद हड़ताल के सातवें दिन धरना मे धार पकड़ी जो अब तहसील स्तर से जिला स्तरीय धरना शुरू कर दिया है। लेखपालों ने धरने पर बैठकर आवाज बुलंद की। लेखपालों का कहना रहा कि उनकी मांगों पर कोई विचार नही किया जा रहा है कई बार शासन स्तर पर वार्ता भी हुयी लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नही अब तक मिला है जिससे आक्रोशित होकर लेखपाल संघ बार-बार धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो रहा है और इस बार जब तक मांगें सरकार नहीं मानेगी तब तक आन्दोलन जारी रहेगा।
लेखपाल संघ के अध्यक्ष रामनरेश निषाद की अध्यक्षता मे मांगों को लेकर जारी धरना के सातवें दिन लेखपालों ने सदर तहसील परिसर मे सातवें दिन भी धरना देकर आवाज बुलंद की। लेखपालों ने कहा कि उनकी जायज मांगों वेतन उच्चीकरण, एसीपी विसंगति, पेंशन विसंगति, लेखपाल सेवा नियमावली में संशोधन तथा भत्तों में वृद्धि आदि के सम्बन्ध मे कई बार प्रस्ताव भेजे गये हैं परन्तु उन पर कोई विचार नही किया गया। संवर्ग का आन्दोलन का भी सहारा लेना पड़ा लेकिन नतीजा शून्य है। मुख्यमंत्री से वार्ता हुयी लेकिन कोई नतीजा नही निकला। निरंतर दो वर्षो से संघर्ष किया जा रहा है लेकिन आपेक्षित सफलता नही मिली जिससे शासन की उदासीनता से लेखपाल संवर्ग मे भारी रोष व्याप्त है। अध्यक्ष श्री निषाद ने वेतन उच्चीकरण, वेतन विसंगति, पेंशन विसंगति, भत्तों मे वृद्धि, राजस्व परिषद द्वारा प्रस्तावित राजस्व उपनिरीक्षक सेवानियमावली 2017 को कैबिनेट से पारित कराना। लैपटाॅप व स्मार्ट फोन डिजिटल इण्डिया को क्रियान्वन कराने हेतु दिया जाना प्रोन्नति की दिक्कतों को दूर करना, आधारभूत सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की। साथ ही लेखपालों ने कहा कि अब तक तहसील स्तर पर धरना देकर विरोध किया जा रहा था लेकिन धरने ने अब रूख बदल लिया है जिलेभर के लेखपाल सदर तहसील मे जिला स्तरीय धरने पर बैठ गये हैं जब तक उनकी मांगें सरकार नहीं मानेगी तब तक धरना समाप्त नही होगा। इसके लिए चाहे उन्हें कुछ भी करना पड़े पीछे नही हटेगें। इस मौके पर मंत्री राजाराम, अजय पाल मौर्य, बीरेन्द्र सिंह, संतोष कुमार, अशोक कुमार तिवारी आदि लेखपाल मौजूद रहे।
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Tuesday, 10 July 2018
लेखपालों का कलमबंद धरना सातवें दिन रहा जारी, मांगों को लेकर अड़े
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