लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल ने कहा कि बरसात के मौसम में देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्वच्छता अभियान की पोल खोल खुल गयी है। पार्टी ने कहा है कि दोनां ही शीर्ष नेताओं ने सड़कों पर झाडू लगाकर और मीडिया तथा फोटोग्राफरों के माध्यम से देश को स्वच्छता का संदेश देने एवं अपनी छवि को अन्य लोगां से अलग दिखाने की भरपूर चेष्टा की लेकिन देश की जनता के साथ-साथ नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के सफाई विभाग को भी इस अच्छे संदेश को ग्रहण न करा सके।
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 मसूद अहमद ने आईपीएन से बातचीत में कहा कि प्रत्येक नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की संख्या लगभग एक तिहाई रह गयी है जबकि आबादी दस गुना अधिक बढ़ चुकी है ऐसी स्थिति में स्वच्छता अभियान एक कोरी कल्पना और जनता के समक्ष दिखावा के अतिरिक्त कुछ नहीं है। बडे़-बडे़ विज्ञापन पटों के माध्यम से देश का करोड़ों रूपया खर्च किया गया लेकिन सफाई की दृष्टि से उन्हीं गांवों का निरीक्षण काफी होगा जो गांव सांसदों द्वारा गोद लिये गये थे। इसके अतिरिक्त देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी लखनऊ में क्रमशः संसद भवन, विधानसभा एवं मंत्री समूह के आवासों के आसपास ही सफाई देखने को मिलती है जबकि अन्य सड़के और गलियां सम्पूर्ण प्रदेश में इनके कोरे अभियान की वास्तविकता उजागर करती हैं।
डॉ0 अहमद ने कहा कि देश की जनता के ख्ून पसीने की कमाई के अरबों रूपये विज्ञापन पटां एवं स्वच्छता अभियान के नाम पर पानी की तरह बहाये गये और परिणाम शून्य है यदि इस अभियान में दिखावे पर खर्च की गयी धनराशि से किसी बंद पड़ी सरकारी मिल का ही संचालन किया गया होता तो हजारों बेरोजगारों को रोजगार मिल सकता था। भाजपा नेताओं को चाहिए कि किसान मसीहा चौ0 चरण सिंह की सादगी और उच्च विचार का अनुशरण करके देश और प्रदेश के लिए कोई ठोस योजना बनाकर धरातल पर उतारे और चै0 साहब की आर्थिक नीतियों का अध्ययन करके देश और प्रदेश को आगे बढाने का काम करें।
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Thursday, 2 August 2018
बरसात में पीएम और सीएम के स्वच्छता अभियान की खुली पोल : रालोद
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