लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चेकिंग के दौरान कार न रोकने पर सिपाही के गोली मारने से मोबाइल कंपनी के मैनेजर कार सवार विवेक तिवारी की मृत्यु हो गयी। ये मामला तूल पकड़ चुका है। विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी का कहना है कि जब तक उन्हेें सीएम योगी आदित्यनाथ आकर नहीं मिलते वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगी। वहीं उन्होंने सीएम को पत्र लिखकर एक करोड़ मुआवजा राशि और खुद के लिए पुलिस में नौकरी की मांग रखी है। कल्पना ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं योगी आदित्यनाथ का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो इस घटना को सीबीआई को सौंपा जाएगा। साथ ही उन्होंने साफ किया कि यह घटना एनकाउंटर नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया इस मामले के जो आरोपी हैं उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शनिवार को तड़के एक मोबाइल कम्पनी के कर्मचारी विवेक तिवारी ,कार से अपनी एक महिला सहयोगी को छोडने उसके घर जा रहे थे तभी चेकिंग कर रहे सिपाहियों ने उनको रुकने का इशारा किया और उनके न/न रुकने पर पुलिस ने उन पर गोली चला दी। उन्होने बताया कि गोली लगने से विवेक कार पर नियन्त्रण नहीं रख सका और उसकी कार अंडरपास से टकरा गई।
पुलिस के अनुसार घायल को राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया जहां अधिक रक्तस्त्राव होने के कारण मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विवेक तिवारी की ठुड्ढी में गोली लगने की पुष्टि हो गई है। गोली गर्दन व सिर के बीच में फंसी थी जिसके कारण अधिक रक्तस्राव से मौत हो गई।
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