नई दिल्ली। बाढ़ के आतंक के बाद केरल को एक और डर सत्ता रहा है। अब रैट फीवर या लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारी लोगों के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है। राज्य में इस बीमारी से सात लोगों की मौत हो गई है जिसके बाद सरकार ने लोगों से अतिरिक्त निगरानी बरतने के लिए अलर्ट जारी किया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को रैट फीवर अथवा लेप्टोस्पिरोसिस के कारण कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी। इस बुखार के रोगियों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि लगभग 350 लोगों में रैट फीवर की शिकायत मिली है जिनका इलाज प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में किया जा रहा है। पिछले पांच दिनो में इनमें से 150 मामले सकारात्मक पाये गए हैं।
रैट फीवर के अधिकतर मामले कोझीकोड़ और मलप्पुरम जिलों से आये हैं। स्वास्थ्य मंत्री कुमारी शैलजा ने बताया कि राज्य सरकार सभी आवश्यक और एहतियाती कदम उठा रही है और बाढ़ के पानी के संपर्क में आने वाले लोगों से अपील की है कि वह अतिरिक्त निगरानी रखें। दरअसल लेप्टोपाइरोसिस बीमारी चूहों, कुत्तों व दूसरे स्तनधारियों में पाई जाती है जो कि आसानी से इंसानों में फैल जाती है. बाढ़ की वजह से मनुष्य एवं पशु एक स्थान पर इकटठे हो जाते हैं, परिमाणस्वरुप उनके बीच परस्पर क्रिया होती है जिससे बैक्टिरया के फैलने के लिए आदर्श वातावरण तैयार हो जाता है।
डीएचएस के एक अधिकारी ने बताया कि समस्या यह है कि यह बीमारी बहुत आसानी से फैल जाती है। जब त्वचा या श्लेष्मा झिल्ली पानी, नम मिट्टी या कीचड़ के संपर्क में आती है तो इससे संक्रमण फैल सकता है। अधिकारी ने कहा कि ऐसे में पहली जरूरत तेजी से उपचार करना है। बता दें कि राज्य में अब तक बाढ़ के चलते 450 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ के कारण कुल 57 हजार हेक्टेयर कृषि फसलें बर्बाद हो गईं हैं।
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