कानपुर। प्रधानमंत्री आवास के लिए वैसे तो लाखों आवेदन आये हुए थे पर जब आवेदकों को पता चला कि कुछ रूपया जमा करना है तो पैर पीछे खीच लिये। जिसके चलते जनपद में बनने वाले 50 हजार प्रधानमंत्री आवास के सापेक्ष करीब लगभग 10 हजार ही आवेदन मानक पूरा कर सके। ऐसे में एक बार फिर प्रधानमंत्री आवास के लिए डूडा विभाग में पंजीयन का काम शुरू होगा। कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) अगले पांच साल में प्रस्तावित पचास हजार प्रधानमंत्री आवास बनायेगी। पचास हजार आवासों के सापेक्ष केडीए को डेढ़ महीने में मात्र 10,240 आवेदन ही मिले है। प्रधानमंत्री आवासों के लिए गरीबों में रुचि नहीं होने के कारण शासन ने फिर से डूडा में पंजीकरण खोलने का फैसला लिया है। क्योंकि पहले चरण में डूडा में पंजीकृत 68 हजार अधिकृत व्यक्तियों में मात्र 10,240 ने बैकों में पंजीकरण कराया है। गरीबों की प्रधानमंत्री आवासों के प्रति अरुचि देखकर शासन के पास एक ही विकल्प बचता है कि प्रधानमंत्री आवासों के लिए फिर डूडा पंजीकरण खोले। प्रधानमंत्री आवासों की योजना 2020 में खत्म हो रही है लेकिन केडीए को 2022 तक पचास हजार आवास बनाने है। इन आवासों के लिए आवेदक भी चाहिए। इसी के लिए डूडा को पंजीकरण खोलना ही पड़ेगा। प्रधानमंत्री आवासों के फार्म सन् 2015 में भरवाये गये थे। उस समय करीब पौने दो लाख आवेदन आये थे। जिनमें सत्यापन के बाद 68 हजार वास्तविक आवेदकों का चयन किया गया था। आवेदकों को यही नहीं मालूम था कि प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदक को भी दो लाख रुपये जमा करने होंगे। उस समय लोगों को लगा था कि प्रधानमंत्री आवास मुफ्त में मिलेंगे लेकिन जब दो लाख रुपये आवेदक को जमा करने की शर्ते मालूम पड़ी तो मात्र 15 प्रतिशत लोगों ने आवास लेने के लिए बैक में पांच हजार रूपये जमा कराये।
केडीए उपाध्यक्ष किंजल सिंह ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री आवास के लक्ष्य को पूरा करने के लिए डूडा में जल्द ही दोबारा पंजीयन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
तीन लाख आय वाले होंगे पात्र
प्रधानमंत्री आवास में सिर्फ वही लोग आवेदन कर सकते है, जिनकी सालाना आय तीन लाख रूपये तक हो। पूरे परिवार के पास पूरे देश में कोई भी आवास नहीं होना चाहिए। जानकारी के मुताबिक बैकों के माध्यम से पंजीकरण कराने वाले आवेदकों के आवेदनों को फिर सेडूडा को भेज दिये गये हैं। डूडा आवेदकों की सूची का फिर परीक्षण करेगी।
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