तीन बीघा खेती के बल पर माँ ने बेटे को बनाया सेना में अफसर | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Monday, 3 September 2018

तीन बीघा खेती के बल पर माँ ने बेटे को बनाया सेना में अफसर

फतेहपुर। कौन कहता है आसमा में छेद नही हो सकता एक पत्थर तो उठाकर कसरत से मारो यारो कहने को तो यह एक शायरी का एक शेर मात्र है मगर यह बिल्कुत सटीक बैठता है खजुहा ब्लाक के ग्राम शाहजहांपुर (मझिलेगांव) निवासी ननकी देवी पर जिनके पति की अकाल मौत होने का बाद तीन छोटे बच्चों की परवरिश का भार उनके कन्धो पर आ पड़ा सम्पत्ति के नाम पर मात्र तीन बीघा जमीन और सहारा कोई नहीं। लेकिन शाहजहांपुर (मझिलेगांव) गांव की ननकी देवी का हौसला इन मुसीबतों से कहीं बड़ा निकला और इसी हौसले के बूते तीनों बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और उस सपने को साकार किया 20 साल पहले ननकी के पति कमलेश की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। पति के मौत के बाद बच्चों को पालने की जिम्मेदार ननकी के पास पति के नाम पर मात्र तीन बीघे पैतृक जमीन थी और तीन छोटे बच्चों की परवरिश का जिम्मा। सबसे बड़ा पुत्र राहुल उस समय महज नौ वर्ष का था। वहीं दूसरा पुत्र सात वर्ष और तीसरा तीन बरस का था। हार नहीं न मानने वाली ननकी ने अपने तीनों पुत्रों को शिक्षित कर बुलंदियों तक पहुंचाने के लिये तीन बीघे खेत में सब्जियों की खेती करने के साथ पशुपालन अपनाया। मेहनत का ही प्रतिफल रहा कि बड़ा पुत्र भारतीय वायु सेना में तकनीकी अफसर पद पर नियुक्त हो गया। वहीं बहू अनु पटेल भी परिषदीय स्कूल में शिक्षिका के पद पर हैं। दो अन्य पुत्र अर्थ उत्तम व अंकित उत्तम बीएससी करने के बाद इलाहाबाद में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।कठिन परिश्रम का परिणाम आज ननकी के सभी बच्चे शिक्षित होने के साथ साथ ननकी स्वयं लोगो के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन चुकी है। वहीं वायुसेना में तैनात बेटा राहुल उत्तम आज भी छुट्टी पर आने के बाद माँ का हाथ बंटाना नही भूलता उनका कहना है कि माँ ने कठिन सँघर्ष और मेहनत कर उन्हें इस लायक बनाया है आज वह जो कुछ है माँ की मेहनत का नतीजा है।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad