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Monday, 3 September 2018

नक्सली हुये कमजोर ,पांचवे स्थान पर बिहार – एस के सिंघल 

नक्सली हुये कमजोर ,पांचवे स्थान पर बिहार – एस के सिंघल
>> गृह मंत्रालय ने बिहार सरकार के कार्यों और कार्रवाई को लेकर दिया प्रशंस्ति-पत्र
>> वर्तमान वर्ष – 2018 में अभी तक ,नक्सलियों ने मुखबिरी के नाम पर  8 की हत्या – सीआरपीएफ
रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । देशभर में नक्सलियों की ताकत कमजोर हुई हैं । एक समय बिहार नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था। हाल के दिनों में बिहार पुलिस और सीआरपीएफ बल ने संयुक्त कार्रवाई कर नक्सलियों के कमर को तोड़ दिया हैं । बीते वर्ष 2017 में जहां नक्सली हिंसा में बिहार का तीसरा स्थान था वही वर्तमान वर्ष में जारी केन्द्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार पांचवे स्थान पर पहुंचने में कामयाब रहीं हैं । यह उक्त बातें पुलिस मुख्यालय के एडीजी-एस के सिंघल ने सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दिया हैं ।
श्री सिंघल ने बताया की बीते तीन वर्षों के आकड़े को देखें तो बिहार में नक्सली हिंसा की घटनाएं में भारी कमी आयीं हैं और नक्सलियों की अत्यधिक गिरफ्तारी हुई हैं । वर्ष 2016 में बिहार में 100 नक्सली घटनाएं घटी थी, इसी तरह 2017 में 71 और वर्तमान वर्ष 2018 के अगस्त माह तक मात्र 25 नक्सली वारदात हुई हैं ।  नक्सलियों के गिरफ्तारी की बात करें तो वर्ष 2016 में 468 ,वर्ष 2017 में 383 वही वर्तमान वर्ष में 262 नक्सलियों को गिरफ्तार हुये हैं । इसमें हार्डकोर नक्सली भी शामिल हैं । वही पुलिस ने नक्सलियों के पास से एके 47 रायफल,  रेगुलर रायफल-10 ,जिंदा कारतुस -4731बरामद किया हैं । इसी तरह लेवी की राशि में वर्ष 2016 में 4 लाख 35 हजार 680 ,वर्ष 2017 में  1 लाख 92 हजार 600 एवं वर्तमान वर्ष के अगस्त माह तक 9 लाख 26 हजार ,772 रूपये बरामद हुये हैं ।
एडीजी एस के सिंघल ने बताया की पुलिस ने सिर्फ नक्सलियों की लेवी की राशि ही नहीं अर्जित अवैध सम्पत्ति भी जब्त कर बड़ी कार्रवाई किया हैं । इसमें हार्डकोर नक्सली संदीप यादव ,प्रदुम्न शर्मा ,मुसाफर सहनी, अरविंद यादव ,एवं अनिल राम तथा इनके परिजनों की सम्पत्ति जब्त किया हैं । श्री सिंघल के अनुसार ,बिहार पुलिस द्वारा नक्सली क्षेत्रों में की गयी बड़ी कार्रवाई को केन्द्र सरकार ने सराहना किया हैं और गृह मंत्रालय ने प्रशस्ति-पत्र दिया हैं ।
   एडीजी एस के सिंघल के अनुसार बीते वर्षों के भांति पुलिस और आम नागरिक को कम नुकसान हुये हैं । वर्ष 2016 में 13 पुलिसकर्मी शहीद हुये थे। वही 2018 में 1 पुलिसकर्मी शहीद हुये हैं । इसी तरह नक्सली हमले में 2016 में  13 आम नागरिक मारे गये थे ,वर्ष 2017 में 17 और वर्ष 2018 में अगस्त माह तक 6 आम नागरिक ,नक्सली हमले में मारे गये हैं ।
वही सीआरपीएफ के पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय की ओर से जारी प्रेस बयान के माध्यम से बताया गया हैं की जमुई जिले में नक्सलियों ने जिस निर्दोष महिला को मुखबिरी में हत्या कर दिया है वह कायरता का परिचायक हैं । महिला कोई मुखबिर नहीं बल्कि नक्सलियों को विरोध करते हुये अंतर्जातिय शादी किया था । इसका पति पूर्व में नक्सली संगठन माओवादी से जुड़ा था और अब परिवर्तन हो मुख्यधारा से जुड़ने के क्रम में था की नक्सलियों ने महिला की हत्या कर दिया । सीआरपीएफ नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चला रहीं हैं और खात्मा कर ही दम लेंगी।

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