नई दिल्ली। भारत में इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी का रोडमैप तैयार है और दूरसंचार विभाग (डीओटी) सेवा लाइसेंस के लिए अक्टूबर में आवेदन आमंत्रित करेगा। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस साल की शुरुआत में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी की सिफारिशों को दूरसंचार आयोग ने मंजूरी प्रदान कर दी थी, जिससे भारतीय हवाई क्षेत्र में विमानों के अंदर उड़ानों के दौरान इंटरनेट और वॉयस कॉल सेवाएं मुहैया कराई जा सकेगी।
यहां हो रहे अंतर्राष्ट्रीय विमानन सम्मेलन में नागरिक विमानन मंत्रालय के सचिव आर. एन. चौबे ने कहा, “कार्ययोजना तैयार कर ली गई है.. वे (डीओटी) सेवा लाइसेंस के लिए अक्टूबर में आवेदन आमंत्रित कर रहे हैं।“
ट्राई ने अपनी सिफारिशों में जोर दिया कि भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों को 3,000 मीटर की ऊंचाई से ऊपर भारत के हवाई क्षेत्र के भीतर वॉयस और डेटा सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
दूरसंचार आयोग के अनुसार, इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सेवाओं को भारतीय उपग्रह या अंतरिक्ष विभाग द्वारा अनुमोदित उपग्रह के माध्यम से प्रदान किया जाना चाहिए, और इसका गेटवे भी भारत में होना चाहिए।
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