लखनऊ। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में रोजगार सृजन के लिए 2 हजार लाख मानव दिवस का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 5833 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमोदित की गयी है। विगत 07 सितम्बर, 2018 तक 2733.56 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय करके लक्ष्य 806.26 लाख मानव दिवस के सापेक्ष 996.86 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित किया गया, जो लक्ष्य का 124 प्रतिशत है। इस प्रकार रोजगार उपलब्ध कराने में उ.प्र. देश में दूसरे स्थान पर है।
मनरेगा द्वारा उपलब्ध कराई गयी जानकारी के अनुसार मानव दिवस सृजन का राष्ट्रीय औसत 94 प्रतिशत है। पिछले 07 सितम्बर, 2018 तक 34.39 लाख परिवार के 41.06 लाख व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
उप्र में मनरेगा के तहत पंजीकृत कुल 101.47 लाख क्रियाशील श्रमिकों में से 94 प्रतिशत श्रमिकों का आधार विवरण मनरेगा साफ्टवेयर पर दर्ज करते हुए 65.32 लाख श्रमिकों, इस प्रकार 65 प्रतिशत श्रमिकों को आधार वेस्ड पेमेंट सिस्टम से जोड़ा जा चुका है।
इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा मनरेगा के अन्तर्गत सृजित संपत्तियों की जियो टैंगिंग की कार्यवाही की जा रही है। अभी तक कुल लक्षित 49.58 लाख परिसम्पत्तियों के सापेक्ष 44.37 लाख परिसम्पत्तियों की जियो टैगिंग कर जी गयी है, जो कि लक्ष्य का 90 प्रतिशत है। संख्या के दृष्टि से जियो टैगिंग में उ0प्र0 देश में दूसरे स्थान पर आ गया है।
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Monday, 17 September 2018
मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराने में यूपी देश में दूसरे नम्बर पर
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