मुंबई- हाल में प्रकाशित शोध रिपोर्टो ने व्यापारियों में हलचल मचा रखी है। कारोबारियों ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए देश के कारोबारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से खुलासा मांगा है कि क्या वाकई करेंसी नोट से घातक बीमारियां फैलती हैं। यदि इसमें सच्चाई है तो इस गंभीर मसले के समाधान के लिए कारगर योजना बनाई जाए।
व्यापारियों के संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक हर व्यक्ति करेंसी नोट के रूप में अपने साथ बीमारियां लेकर चलता है। यह सोचना भी डरावना है। स्वास्थ्य से संबंधित इस गंभीर मुद्दे को लेकर कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली को पत्र भेजा है, जिसमें विभिन्न शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस विषय पर विस्तृत्त जांच कराने की मांग की है। इस खुलासे की मांग की गई है क्या वाकई में नोट से एक दूसरे को बीमारियां फैलती हैं। यदि यैसा है तो लोगों को करेंसी नोट से होने वाली बिमारियों से बचाने के लिए कारगर उपाय योजना बनाई जाए। पत्र की प्रति केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा और केंद्रीय विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को भी भेजकर इस मामले में दखल लेने का आग्रह किया गया है !
कैट के मुताबिक कॉउन्सिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रीसर्च के अंतर्गत काम करने वाले संस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ़ गेनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी ने अपने एक शोध में करेंसी नोटों में 78 प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाने की पुष्टि की है।अधिकांश नोटों में पेट खराब होने, टीबी और अल्सर जैसी अन्य बीमारियां फैलाने के लक्षण मिले हैं ! शोध में कहा गया है करेंसी नोटों के द्वारा बीमारियां फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है।
इसी प्रकार जर्नल ऑफ़ करंट माइक्रोबायोलॉजी एंड एप्लाइड साइंस ने वर्ष 2016 में अपने एक शोध जो उन्होंने तिरुनवेली मेडिकल कॉलेज (तमिलनाडु) में किया था। इसमें 120 करेंसी नोट जिन पर शोध किया गया था में से 86 .4 प्रतिशत नोट अनेक प्रकार की बीमारियां फैलाने से ग्रस्त थी। यह नोट डॉक्टर, बैंक, स्थानीय बाज़ार, कसाई, विद्यार्थी और गृहणियों से लिए गए थे ! डॉक्टर्स से भी लिए गए नोटों में बीमारी फैलाने के लक्षण थे ! इन नोटों में मूत्र संबंधी, सांस लेने में परेशानी, सेप्टिसीमिया, स्किन इन्फेक्शन मेनन जाइंटिस आदि बीमारी फैलाने के किटाणु मिले थे।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के मुताबिक लगतार प्रति वर्ष इस प्रकार की रिपोर्ट मेडिकल एवंसाइंटिफिक जर्नल एवं अन्य स्थानों पर प्रकाशित होती रही हैं, किन्तु किसी ने भी लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित इस गंभीर विषय पर ध्यान नहीं दिया। न ही कोई बचाव के व्यापक शोध की कोशिश की गई है। यदि शोध रिपोर्ट सत्य हैं तो व्यापारियों के स्वास्थ्य के लिए सबसे घातक है। हर उस व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभवित करेगा जो करेंसी नोट का लेनदेन करता है। कई लोग अपना थूक लगाकर नोट गिनते हैं, यैसे में वे गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
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