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Friday, 5 October 2018

लखनऊ: डीजीपी के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए अनुशासनहीन पुलिसकर्मियों ने मनाया ‘काला दिवस’

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के बहुचर्चित एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर (नार्थ) विवेक तिवारी हत्याकांड में हत्या के आरोप में जेल भेजे गए सिपाही प्रशांत चौधरी के समर्थन में सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान पोस्ट कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान और बर्खास्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ डीजीपी ने एक्शन लेते हुए एटा के सिपाही सर्वेश चौधरी को निलंबित कर विभागीय जाँच शुरू कर दी। ये कार्रवाई पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर पांच सितम्बर को काला दिवस मानाने के एलान के बाद हुई।

राजधानी लखनऊ के कई थानों की तस्वीरें वायरल
सोशल मीडिया पर पुलिस फोर्स के खिलाफ आक्रोश पैदा करने वाले अभियान में शामिल अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई। इसके बावजूद लखनऊ पुलिस में अनुशासनहीनता दिखी। इसकी बानगी सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में दिख रही हैं। वायरल हो रही तस्वीरें नाका थाना, मड़ियांव कोतवाली, गुडंबा थाना,अलीगंज के साथ-साथ एसएसपी कार्यालय के पुलिसकर्मीयों की बताई जा रही हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, राजधानी के कई थानों में पुलिसकर्मियों ने आरोपी सिपाही के समर्थन में डीजीपी के निर्देशों का उल्लंघन कर अपनी बाजू में काली पल्टी बांधकर विरोध जताया। भी आरोपी सिपाही प्रशांत के समर्थन में उतर आए हैं।

स्लोगन बनाकर सोशल मीडिया पर प्रचार
परिषद के महामंत्री व कानपुर में पीएसी में तैनात सिपाही अविनाश पाठक ने बताया कि काला दिवस को अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के रक्षक कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवा यादव ने भी समर्थन दिया है। काला दिवस के लिए ‘खाकी के सम्मान में, उत्तर प्रदेश पुलिस मैदान में’ स्लोगन बनाकर सोशल मीडिया पर प्रचार किया जा रहा है। एसोसिएशन ने घोषणा में कहा कि शुक्रवार को पुलिस विभाग में तैनात सिपाही अपनी बाजू में काली पल्टी बांधकर विरोध जताया। इसके अलावा फेसबुक और वाट्सएप की प्रोफाइल भी काले रंग की लगाए।

फेसबुक पर ‘खाकी के सम्मान में, उत्तर प्रदेश पुलिस मैदान में
फेसबुक पर ‘खाकी के सम्मान में, उत्तर प्रदेश पुलिस मैदान में’ इस तरह के मैसेज चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा खुद को सिपाही बताने वाले एसोसिएशन से जुड़े अविनाश प्रकाश पाठक ने बताया कि अफसर से लेकर विभाग हमेशा पुलिस कर्मियों का शोषण करते हैं। हमें छुट्टी तक नहीं मिलती है। अविनाश ने यह भी कहा कि सिपाही प्रशांत ने खुद के बचाव में गोली चलाई है। मैनेजर विवेक ने सिपाही को कुचलने का प्रयास किया था। अगर प्रशांत गोली न चलाता तो उसकी जान जा सकती थी। पुलिस अधिकारियों ने राजनेताओं के दवाब में आकर एक पक्षीय कार्रवाई की है। अविनाश की पोस्ट पर दर्जनों लोगों ने अपनी भड़ास निकालते हुए अभद्र कमेंट भी किए हैं। इस पर विवेक की पत्नी कल्पना ने अधिकारियों से मामला संज्ञान में लेकर कार्रवाई की मांग की है।

डीजीपी मुख्यालय की सिपाहियों के प्रदर्शन पर नजर
अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चल रही खबरों को लेकर डीजीपी मुख्यालय भी सतर्क है और प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि यह भी सच है कि जो भी मेसेज सामने आ रहे हैं, वे सिर्फ सोशल मीडिया पर ही सक्रिय हैं। अभी तक कोई भी सिपाही सामने नहीं आया है। इस बारे में डीजीपी ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया पर चल रही गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। डीआईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी का कहना है कि ‘सोशल मीडिया पर होने वाली सभी गतिविधियों पर सर्तक दृष्टि रखी जाती है।

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