नई दिल्ली। होम्योपैथी दवा और चिकित्सा को मानकीकृत करने की जरूरत है। यदि होम्योपैथी में नए नवाचार को अपनाया जाता है तो रोगियों को प्राप्त होने वाली चिकित्सा में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। होम्योपैथी विशेषज्ञों ने चिकित्सा के पारंपरिक रूप को मानकीकृत और लोकप्रिय बनाने के लिए सुरक्षित होम्योपैथिक वितरण अभ्यास को लागू करने की जरूरत पर बल दिया। ‘होम्योपैथी के मानकीकरण’ पर आयोजित एक कार्यक्रम में फ्रांस और भारत के विशेषज्ञों ने मरीजों को आधुनिक होम्योपैथिक दवाएं लिखने की जरूरत पर विचार-विमर्श किया, जो परंपरागत दवाओं की तुलना में अधिक गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वच्छता प्रदान करती हैं।
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (सीसीआरएच) के गवर्निग बॉडी सदस्य ने कहा, “होम्योपैथी में दवाओं के मानकीकरण की बहुत अधिक आवश्यकता है। दवाओं को स्वच्छतापूर्वक बनाया जाना चाहिए, उचित तरीके से स्टोर करना चाहिए और वितरण का तरीका एकदम सही होना चाहिए। होम्योपैथी की सफलता रोगी उपचार परिणामों में सुधार पर निर्भर है, जो गुणवत्ता पर निर्भर है।”
उन्होंने कहा कि यदि नए इनोवेशन को अपनाया जाता है, तो यह पूरे देश में होम्योपैथिक संरक्षकों के लिए राहत की बात होगी। उपभोक्ता यह मांग कर रहे हैं कि होम्योपैथी डॉक्टर्स वह दवाएं दें, जिसमें सामग्री को बताने वाला लेबल या दवा की सामग्री की जानकारी हो। अधिकांश लोग फैक्ट्री सील्ड बोतल और प्री सील्ड ट्यूब्स में बनी दवाओं की ओर शिफ्ट हो गए हैं, इनमें से ज्यादातर दवाएं जर्मन और फ्रेंच कंपनियों, जैसे बायोरोन द्वारा बनी हैं।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) के साथ अनुपालन में विनिमार्ताओं को उपयोग किए गए कच्चे माल के ग्रेड के बारे में भी स्पष्टीकरण देना चाहिए, इससे होम्योपैथिक दवाओं की गुणवत्ता मानक में बहुत अधिक सुधार होगा।
बायोरोन फ्रांस के डायरेक्टर ने कहा, “निरंतर गुणवत्ता और परिणाम हासिल करने के लिए आधुनिकीकरण और मानकीकरण चिकित्सकों और मरीजों के लिए महत्ववपूर्ण है। उपभोक्ता होम्योपैथी पर भरोसा करते हैं क्योांकि ये प्रभावी और सुरक्षित हैं।”
विशेषज्ञों ने कहा कि एलोपैथी की तुलना में होम्योपैथी बहुत अधिक प्रभावी है क्योंकि यह केवल लक्षणों का उपचार करने के बजाय बीमारी को जड़ से खत्म करती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली और शरीर के प्राकृतिक रक्षा तंत्र को मजबूत करने का काम करती है, जिससे शरीर को संक्रमण से स्वयं लड़ने में मदद मिलती है।
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