नई दिल्ली। अभिनेता गुरमीत चौधरी उत्साहित हैं कि बॉलीवुड निर्माता अब टीवी अभिनेताओं को गंभीरता से ले रहे हैं। गुरमीत ने 2008 में टीवी कार्यक्रम ’रामायण’ के साथ अभिनय में अपना सफर शुरू किया था और धीरे धीरे 2015 में ’खामोशियां’ के साथ बर्ड़े पर्दे की ओर रुख किया। गुरमीत के अलावा, सुशांत सिंह राजपूत, राजीव खंडेलवाल, जय भानुषाली, प्राची देसाई, करण सिंह ग्रोवर, राम कपूर, रोनित रॉय और एजाज खान जैसे छोटे पर्दे के अभिनेताओं ने टीवी से फिल्मों की ओर रुख किया और बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाई।
टीवी और बड़े पर्दे के बीच अभिनेताओं के लिए धुंधली रेखा के बारे में पूछने पर गुरमीत ने यहां आईएएनएस को बताया, “मैं बहुत ज्यादा उत्साहित हूं क्योंकि यहां टीवी या बॉलीवुड से कोई अभिनेता नहीं है। एक अभिनेता सिर्फ अभिनेता है चाहे वह कोई भी माध्यम हो। पहले ऐसी धारणा थी कि एक टीवी अभिनेता फिल्म करने में सक्षम नहीं है। लेकिन अब निर्माता और निर्देशक हमें गंभीरता से ले रहे हैं।“
34 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि फिल्मनिर्माता जानते हैं और वह इस बात को लेकर सहज हैं कि छोटे पर्दे पर काम करने वाले अभिनेता के भी अपने प्रशंसक हैं।
उन्होंने हंसते हुए कहा, “मेरे टीवी दर्शकों और प्रशंसकों ने मुझे गंभीरता से लिया। उनके लिए ऐसा है कि अगर गुरमीत का कार्यक्रम या फिल्म आएगी तो वे जाकर देखेंगे। इसलिए निर्माता जानते हैं कि गुरमीत एक जाना माना व्यक्ति है और उसके प्रशंसकों की अच्छी संख्या है, साथ ही मैंने थोड़ा बहुत अच्छा काम भी किया है।“
गुरमीत को लगता है कि फिल्मनिर्माता एक पैकेज को देखते हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने बॉलीवुड में तीन साल बिताए हैं और इस छोटी से अवधि में तीन फिल्में की है, जिसमें जे.पी. दत्ता जैसे बड़े निर्देशक के साथ ’पलटन’ शामिल है।
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