नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने कबूल किया है भारत आर्थिक संकट सामना कर रहा है। सरकार ने इसकी वजह बड़ी मात्रा तेल आयात को बताया है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि बड़ी मात्रा में तेल आयात की वजह से भारत ‘आर्थिक संकट’ का सामना कर रहा है। डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहे रुपये और व्यापार घाटा के बढ़ने को लेकर गुरुवार को प्रमुख मंत्रियों की बैठक से पहले गडकरी ने चैनलों से बातचीत में यह बात कही।
गौरतलब है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयातक है। वह अपनी तेल की जरूरतों का 80 प्रतिशत आयात करता है। इस साल की शुरुआत से डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 13 प्रतिशत तक गिर चुका है। इस वजह से तेल आयात का खर्च भी बढ़ रहा है। कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा से भी स्थिति बिगड़ी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 4 साल के सर्वोच्च स्तर पर है और यह 85 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास बनी हुई है।
रुपये की कमजोरी, कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा और IF&SL का खराब हालत की वजह से भारतीय शेयर बाजार भी लुढ़क रहे हैं। गुरुवार को कारोबार के दौरान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स एक समय 800 अंकों तक गिर गया था। डॉलर के मुकाबले रुपया भी 43 पैसे कमजोर होकर 73.77 प्रति डॉलर के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच चुका है।
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